खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के मेन गांव थाना क्षेत्र के टेमला ग्राम में महाशिवरात्रि के अवसर पर दलित महिलाओं को कथित तौर पर मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने देने के आरोप में आज पुजारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी मामले की रिपोर्ट तलब की है।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि पुजारी शंकर बर्वे को भारी पुलिस बल की सुरक्षा में गिरफ्तार कर लिया गया। मेनगांव के थाना प्रभारी दिनेश कुशवाह ने बताया कि आरोपी पुजारी को मंडलेश्वर स्थित विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें जमानत दे दी गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया इस दौरान टेमला में घटना को लेकर प्रतिक्रिया स्वरूप किसी भी प्रकार की गतिविधि नहीं हुई लेकिन एहतियातन पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो अन्य महिलाएं आरोपी है, जिनमें से एक की पहचान नहीं हो पाई है।
उधर, राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने पुलिस अधीक्षक से मामले की जानकारी तलब की है। गत एक मार्च महाशिवरात्रि को टेमला के शिव मंदिर में दर्शन करने गई पूजा खांडे और उसकी दो चचेरी बहनों एवं महिला मित्र को पुजारी और अन्य महिलाओं ने कथित तौर पर दलित होने का हवाला देते हुए अंदर प्रवेश करने से रोक दिया था। घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के उपरांत पुलिस हरकत में आई थी, किंतु मामले की शिकायत नहीं होने के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई थी।
अखिल भारतीय बलाई महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजू गांगले के नेतृत्व में कल पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया गया था। इसके बाद तत्काल कार्रवाई कर पुजारी समेत तीन लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया। पूर्व मंत्री बालकृष्ण पाटीदार कैमरा के निवासी हैं और उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस तरह की घटना पूर्व में कभी नहीं हुई थी। सभी को मंदिर में प्रवेश करने की हमेशा से अनुमति रही है।