जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस के खरीफ 2019 के सहकारी अल्पकालीन फसली ऋणों की वसूली अवधि बढ़ाकर 30 जून कर दी गई है।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश के किसानों को राहत देते हुए खरीफ 2019 के सहकारी अल्पकालीन फसली ऋणों की वसूली अवधि 31 मार्च से 30 जून अथवा खरीफ फ़सली ऋण लेने की तिथि से एक वर्षए जो भी पहले हो तक बढ़ा दी गई है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आंजना ने बताया कि काश्तकारों को वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए सहकारी बैंकों से फसली ऋण प्राप्त करने वाले किसानों के ऋण वसूली की तिथि बढ़ाने का निर्णय किया है ताकि वे शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि क़ोरोना वायरस की महामारी के चलते किसानों को ऋण जमा कराने में हो रही परेशानी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया था और गहलोत ने किसानों के हित में त्वरित निर्णय लेने के लिए निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य काश्तकारों को अल्पकालीन फसली सहकारी ऋण वितरित किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि खरीफ में लिए गए फसली सहकारी ऋणों का चुकारा 31 मार्च तक करना होता है। उन्होंने बताया कि क़ोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार ने 31 मार्च की तय देय तिथि को आगे बढ़ाते हुए अब ऋणी काश्तकारों को खरीफ फसली सहकारी ऋण 30 जून या जिस दिन ऋण लिया है उससे एक वर्ष की अवधि, इसमें से जो भी पहले हो तक जमा कराने की छूट प्रदान की है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य में केन्द्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2019 में खरीफ फसल के लिए ऋण लेने वाले लाखों किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज सुविधा का लाभ मिल सकेगा।