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kheteshwar co-oprative society chairman arrested in multimillon fraud case
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खेतेश्वर सोसायटी का अध्यक्ष गिरफ्तार, निवेशक ये करें पैसा लेने के लिए

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खेतेश्वर सोसायटी का अध्यक्ष गिरफ्तार, निवेशक ये करें पैसा लेने के लिए
vikramsingh rajpurohit in costudy of sirohi police
vikramsingh rajpurohit in costudy of sirohi police

सबगुरु न्यूज-सिरोही। के्रडिट को-आॅपरेटिव सोसायटियां खोलकर गरीबों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर उनकी पूंजी लेकर फरार हुए सिरोही की खेतेश्वर अरबन क्रेडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष विक्रमसिंह राजपुरोहित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब डेढ साल से फरार था। पुलिस ने उसे जोधपुर के महामंदिर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

 

खेतेश्वर अरबन को-आॅपरेटिव सोसायटी ने राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में अपनी शाखाएं खोलकर सिरोही व राजस्थान के प्रवासियों से करोडों रुपये एकत्रित किए और फरार हो गए थे। इनकी गिरफ्तारी के लिए सिरोही कोतवाली प्रभारी आनन्दकुमार के नेतृत्व में टी म गठित की गई थी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विक्रमसिंह की गिरफ्तारी में सिपाही योगेन्द्रसिंह की विशेष भूमिका थी। उसे सम्मानित करने को लिखा जाएगा।
-निवेशकों को करना होगा अलग परिवाद
सिरोही जिले में खेतेश्वर अरबन के्रडिट को-आपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष समेत अन्य लोगों के खिलाफ करीब 40 एफआइआर दर्ज हैं। सभी एफआईआर में लोगों ने उनके मेहनत की कमाई लेकर फरार हो जाने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। गुजरात मंे इस तरह से निवेश की राशि को लेकर फरार हो जाने वाले लोगों से निवेशकों की राशि फिर से वसूलने के लिए कानून है, लेकिन राजस्थान में ऐसा कोई कानून नहीं है।

पुलिस अधीक्षक ने सबगुरु न्यूज को बताया कि विक्रमसिंह की गिरफ्तारी बहुत बडी सफलता है। इसकी गिरफ्तारी से निवेशकों के पैसों से खरीदी गई संपत्तियों की जानकारी मिली है। यदि निवेशक अपनी निवेश राशि वसूल करने के लिए अलग से परिवाद न्यायालय में पेश करते हैं तो पुलिस इनकी सभी संपत्तियों को अटेच कर सकती है। बाद में इनकी निलामी के माध्यम से न्यायालय निवेशकों की राशि वापस लौटा सकती है।
-साधु बनकर करता था प्रवचन
फरारी के दौरान विक्रमसिंह ने साधु वेश धर लिया। इस दौरान वह छिपता फिरा और अहमदाबाद, बिहार, हरियाणा, नेपाल, गोवा आदि राज्यों में घूमकर प्रवचन करता था। कभी साधु कभी सपेरा बन जाता था। जोधपुर के महामंदिर क्षेत्र में किराए का मकान लेकर रह रहा था, वहां पर अपने भतीजे के संपर्क में था।
-भाभी की मृत्यु के दौरान भी 30 पुलिसकर्मी लगाए
आईएसएस श्यामसिंह राजपुरोहित विक्रमंिसह राजपुरोहित के बडे भाई हैं। उनकी पत्नी के सडक हादसे में पाली के निकट मृत्यु के दौरान भी पुलिस की नजर इस पर थी। पुलिस ने तीस पुलिसकर्मियों को इन्हें पकडने के लिए उनके घर के आसपास तीये की बैठक तक तैनात करके रखे थे, लेकिन उस दौरान भी यह वहां हाथ नहीं लगे। श्यामसिह राजपुरोहित ने मीडिया में बताया कि उस दौरान भी यह लोग उनके यहां बैठने नहीं आए थे।
-सिरोही जिले में 40 प्रकरण
सिरोही जिले में ही खेतेश्वर के्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी के संचालकों द्वारा धनराशि लेकर भाग जाने के 40 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा जालोर, पाली और जोधपुर में भी मामले दर्ज है। सिरोही में जो मामले दर्ज हैं उन्ही में करीब 40 करोड रुपये लेकर फरार होने की शिकायतें हैं। जालोर, पाली, जोधपुर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र व गोवा में स्थापित की गई शाखाओं से सौ करोड से ज्यादा की राशि एकत्रित किए जाने की आशंका है।
-अन्य राज्यों को भी दी सूचना
आर्थिक अपराध करके फरार हुए खेतेश्वर अरबन के्रडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष विक्रमसिंह राजपुरोहित पुत्र रामसिंह राजपुरोहित मूल रूप से पाली जिले के खिवाडा थाना क्षे के पिलावनी गांव के निवासी है। इसकी गिरफ्तारी की सूचना सिरोही पुलिस ने गुजरात, महाराष्ट्र, दमन व गोवा पुलिस को भी दे दी है। सिरोही में पूछताछ के बाद वह लोग भी इसे प्रोडक्शन वारंट पर ले जा सकते हैं। गिरफ्तारी के दौरान सिरोही में भी वह लोग इससे पूछताछ कर सकते हैं।
-16 साल में सोसायटी से जेल तक का सफर
विक्रमसिंह राजपुरोहित अपनी सोसायटी की 16 वी सालगिरह के ठीक एक महीने बाद ही पुलिस के हत्थे चढ गया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस को दी गई जानकारी में विक्रमसिंह ने बताया कि उसने अपने भइयों के साथ 8 दिसम्बर, 2002 को खेतेश्वर अरबन के्रडिट को-आॅपरेटिव सोसायटी शुरू की थी। इसके बाद मुडकर नहीं देखा। सिरोही समेत जालोर, पाली व जोधपुर के प्रमुख कस्बों व गांवों में इन्होंने सोसायटी की कई शाखाएं खोली।

वष्र 2010 में इसकी सोसायटी को दिल्ली से मल्टीस्टेट सोसायटी का दर्जा मिल गया। इसके बाद इनके लिए राज्य के बाहर जाकर पैसा जुटाना आसान हो गया। इन्होंने गुजरात, महाराष्ट्र, दमन और गोवा मे ंअपनी शाखाएं खोली। वहां पर इनके निशाने पर प्रवासी राजस्थानी ज्यादा थे। ज्यादा ब्याज के लालच में नौकरी पेशा लोगों ने भी अपनी उम्रभर की कमाई सोसायटी में जमा करवाई थी। जिसे लेकर यह लोग फरार हो गए थे।
-निवेशकों के पैसों से खरीदी बेनामी जमीनें
पुलिस को विक्रमसिंह ने बताया कि निवेशकों के पैसों से उनके भाई शैतानसिंह राजपुरोहित ने एक खेतेश्वर मल्टीपर्पस सोसयटी खोली। इस सोसायटी को करीब 12 करोड का लोन दिया गया। यह सोसयटी जमीनें खरीदने व उन पर फ्लेट बनाकर बेचने का काम करती थी।

इसके अलावा निवेशकों से आने वाले पैसों को यह लोग सिरोही, गुजरात व महाराष्ट्र के विभिन्न बैंको में जमा करवाते थे। वहां से इन्होंने इस राशि को महाराष्ट्र, गुजरात व राजस्थान मंे संपतियां खरीदने में लगाया। राजपुरोहित ने बताया कि सिरोही में शंकरलाल मेघवाल, धनाराम मीणा समेत अनुसूचित जाति के लोगों व अपने इष्ट-मित्रों के नाम पर कई करोड की बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। पुलिस विक्रमसिंह की रिमांड पर लेकर इन सभी संपत्तियों की सूची तैयार करेगी।
-अभी ये फरार
इस सोसायटी को मूलरूप से विक्रमसिंह राजपुरोहित और इनके भाई ही संचालित करते थे। पुलिस को सोसयटी के एमडी राजवीरसिंह व जनसंपर्क अधिकारी शैतानसिंह राजपुरोहित की भी तलाश है। विक्रमसिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस शेष आरोपियों की तलाश में लग गई है।