अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स में आस्ताना शरीफ में खिदमत का समय बदल दिया गया है।
सोमवार शाम झंडे की रस्म के बाद अनौपचारिक रूप से शुरू हुए हुए उर्स के साथ ही आस्ताना शरीफ में खिदमत का समय भी बदल दिया गया। दोपहर तीन बजे होने वाली खिदमत अब रात आठ बजे होगी जो कि कुल की छठी तक जारी रहेगी।
अंजुमन सूत्रों के अनुसार चांद की 28 तारीख को ख्वाजा साहब की मजार पर सालभर चढ़ाया गया संदल उतारा जाएगा जिसे खादिम समुदाय अपने मेहमानों और अकीदतमंदों में बांट देगा।
चांद रात की सुबह चार बजे दरगाह का आस्ताना खुलने के साथ ही उर्स में खुलने वाला जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा जो छठी के कुल तक खुला रहेगा। कदाचित चांद नहीं दिखा तो आस्ताना बंद होने के साथ जन्नती दरवाजा भी बंद कर दिया जाएगा और अगले दिन सुबह पुनः खोल दिया जाएगा।
चांद दिखाई देने पर उर्स का विधिवत आगाज होगा। दरगाह में शादियाने बजाए जाएंगे और शाही महफिल का आयोजन होगा। अब सभी को रजब के चांद के दीदार की ख्वाहिश है।
उल्लेखनीय है कि ख्वाजा साहब ने छह दिनों तक अपने आप को कोठरी में बंद कर खुदा की इबादत की थी। इस दरमियान ही उनका इंतकाल हुआ। निश्चित तिथि की जानकारी नहीं होने के चलते मुस्लिम समुदाय छह दिवसीय उर्स का आयोजन करता है। उर्स बड़े कुल की रस्म के साथ विधिवत संपन्न होगा।