लंदन। ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने शुक्रवार को राष्ट्र और राष्ट्रमंडल के नाम अपने पहले संबोधन में आजीवन सेवा करने का संकल्प लिया। चार्ल्स तृतीय महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद राजगद्दी संभाल ली है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को निधन हो गया था।
किंग चार्ल्स तृतीय ने अपने संबोधन में कहा कि महारानी (एलिजाबेथ द्वितीय) अपने पूरे जीवन में एक प्रेरणा रहीं। उन्होंने कहा कि महारानी एलिजाबेथ एक अच्छी तरह से जीवन व्यतित किया। नियति के साथ एक वादा निभाया और उनके निधन पर उन्हें सबसे गहरा शोक है। आजीवन सेवा का वादा आज मैं आप सभी के समक्ष करता हूं। उन्होंने कहा कि उन्होंने (चार्ल्स तृतीय) अपनी मां की मृत्यु पर गहरा दुख महसूस किया और जनता की अपार नुकसान की भावना को साझा किया।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बाल्मोरल में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया। तिहतर वर्षीय चार्ल्स को लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में आयोजित एक समारोह में शनिवार को परिग्रहण परिषद में आधिकारिक रूप से राजा घोषित किया जाएगा।
किंग चार्ल्स ने अपने सबसे बड़े बेटे विलियम और बहू केट को प्रिंस और प्रिंसेस ऑफ वेल्स की उपाधियां प्रदान कीं। ये वे उपाधियाँ हैं, जो उन्होंने (किंग चार्ल्स तृतीय) और उनकी दिवंगत पत्नी डायना को मिली थी। उन्होंने अपने पुत्र हैरी और बहू मेघन मार्कल के लिए भी प्यार का इजहार किया, क्योंकि वे विदेश में अपना जीवन व्यतित कर रहे हैं।