चेन्नई । आईपीएल की सबसे सफल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स 12वें सत्र में भी जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है, हालांकि मुंबई इंडियन्स से मिली पिछली हार के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर शनिवार को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ घरेलू मुकाबले में टीम को जीत की पटरी पर वापिस लाने का दबाव रहेगा।
चेन्नई ने मुंबई के घरेलू मैदान पर उससे पिछला मैच 37 रन से गंवाया था, हालांकि अपने अब तक के चार मैचों में यह उसकी पहली ही हार है और उसने अपने शुरूआती तीनों मैच जीते हैं। वह छह अंकों के साथ तीसरे नंबर पर चल रही है जबकि किंग्स इलेवन पंजाब का भी 12वें सत्र में प्रदर्शन शुरूआत से बेहतरीन रहा है और उसके भी चेन्नई के समान अंक है लेकिन बेहतर रन रेट से वह दूसरे नंबर पर है। पंजाब ने पिछले मैच में दिल्ली कैपिटल्स को 14 रन से हराया था।
दोनों टीमों की मौजूदा फार्म को देखते हुये पंजाब और चेन्नई के बीच बराबरी के मुकाबले की उम्मीद की जा सकती है। चेन्नई के निवासी रविचंद्रन अश्विन की कोशिश रहेगी कि वह अपने नेतृत्व में पंजाब का विजयी रथ बरकरार रखें जबकि झारखंड के धोनी अपनी कप्तानी में चेन्नई को उसके घरेलू मैदान पर वापिस जीत की पटरी पर उतारने की कोशिश करेंगे।
पंजाब यदि चेन्नई के मैदान पर भी जीत दर्ज करती है तो न सिर्फ इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा बल्कि वह तालिका में भी शीर्ष पर पहुंच जाएगी। आईपीएल में पहले खिताब की तलाश में जुटी पंजाब का दिल्ली के खिलाफ मैच भी काफी रोमांचक रहा था।
इस मैच में बल्लेबाज़ों में मध्यक्रम में डेविड मिलर की 43 रन, सरफराज़ खान की 39 और मनदीप सिंह की नाबाद 29 रन की पारी से टीम लड़ने लायक स्कोर तक पहुंची थी। हालांकि तीन बार की चैंपियन चेन्नई जैसी टीम के खिलाफ पंजाब को निश्चित ही बेहतर बल्लेबाजी दिखानी होगी।
पंजाब के ओपनर लोकेश राहुल पिछले लंबे समय से अपनी ओपनिंग की भूमिका में लय नहीं बैठा पा रहे हैं और दिल्ली के खिलाफ भी 15 रन ही बना पाये। पिछले मैचों में उन्होंने राजस्थान के खिलाफ 04 रन, कोलकाता के खिलाफ 01 रन की पारियां खेलीं। उन्होंने अब तक केवल मुंबई के खिलाफ नाबाद 71 रन की एकमात्र अर्धशतकीय पारी खेली है।
टीम के पास प्रतिभाशाली गेंदबाज़ी क्रम है जिसका नेतृत्व खुद कप्तान और ऑफ स्पिनर अश्विन के हाथों में है। लेकिन अश्विन पिछले चार मैचों में तीन विकेट ले पाये हैं और 124 रन लुटाकर सबसे महंगे रहे हैं। तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी पांच विकेट ले चुके हैं जबकि सैम करेन दो मैचों में छह विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज़ हैं और उनसे इसी प्रदर्शन की उम्मीद चेन्नई के मैदान पर भी रहेगी।
दूसरी ओर चेन्नई की टीम के पास जबरदस्त संयोजन है। कप्तान धोनी ने पिछले चार मैचों में 119 रन बनाये हैं और टीम के शीर्ष स्कोरर भी हैं जबकि केदार जाधव और सुरेश रैना का भी प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। आईपीएल के शीर्ष स्कोरर रैना हालांकि 12वें सत्र में टीम के लिये एक भी अर्धशतक तक नहीं लगा सके हैं। वहीं शेन वाटसन भी बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं।
हालांकि चेन्नई के गेंदबाज़ों ने अब तक कमाल का खेल दिखाया है और दक्षिण अफ्रीका के अनुभवी स्पिनर इमरान ताहिर चार मैचों में 77 रन देकर सात विकेट और ड्वेन ब्रावो सात विकेट लेकर सबसे सफल हैं। दीपक चाहर, ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी अब तक संतोषजनक गेंदबाजी की है।
मुंबई के खिलाफ चेन्नई का बल्लेबाजी क्रम ही फ्लॉप रहा था और टीम आठ विकेट पर 133 रन ही बना सकी थी। अंबाटी रायुडू(शून्य) पर आउट हुये तो टीम के चार बल्लेबाज़ तो दहाई के आंकड़े तक भी नहीं जा सके। ऐसे में जीत की पटरी पर लौटने और खिताब के बचाव के लिये उसे अभी से बल्लेबाजी में खासा सुधार की जरूरत है।