यरुशलम। इजराइल ने बुधवार को एक विधेयक पास कर नेसेट (संसद) को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव के लिए 17 सितंबर की तारीख तय कर दी।
नेसेट के 120 में से 74 सदस्यों ने मध्यावधि चुनाव के पक्ष में वोट दिया जबकि 45 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू के 42 दिन बाद भी सरकार बनाने में असफल रहने के कारण संसद में यह प्रस्ताव लाया गया था।
नौ अप्रैल 2019 को हुए चुनाव में नेतन्याहू के नेतृत्व में लिकुड पार्टी को 120 में से 65 सीटें मिली थी, लेकिन इजराइल बेतेन्यु पार्टी ने गठबंधन में आने से इंकार कर दिया था जिसके चलते नेतन्याहू सरकार बनाने में असफल हो गए थे।
इजराइल बेतेन्यु पार्टी के अध्यक्ष अविगडोर लिएबेर्मन ने कानून में बदलाव की मांग है ताकि यहूदी समुदाया के छात्र इजरायल की सेना में शामिल हो सकें।
नेतन्याहू ने लिएबेर्मन की इस मांग की आलोचना की थी और कहा था कि लिएबेर्मन की मंशा यहूदा समुदाय के छात्रों को हक दिलाने की नहीं है। वह बस कुछ वोटों से हमारी सरकार को गिराना चाहते है ताकि मध्यावधि चुनावों में उन्हें कुछ ज्यादा वोट मिले सके, लेकिन ऐसा नहीं होगा।