दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने खिलाड़ियों को आगाह करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कारण वैश्विक लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए सट्टेबाज खिलाड़ियों से संपर्क करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एसीयू का मानना है कि ‘अनचाहे संपर्क’ से भेजा गया ‘नादानी’ भरा संदेश भी वास्तव में ‘गलत’ रास्ते पर ले जा सकता है। इस कारण से एसीयू ने 14 अप्रैल को सभी सदस्य बोर्डों, खिलाड़ियों, खिलाड़ियों के एजेंटों और खिलाड़ियों के संघों को एक ‘चेतावनी नोटिस’ भेजा जिसमें सभी को सट्टेबाजों से सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने कहा है कि लॉकडाउन का सामना कर रहे दुनिया के अधिकतर लोगों के पास भरपूर खाली समय है जिनमें से कुछ लोग सोशल मीडिया पर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। हमने पाया है कि सट्टेबाज सोशल मीडिया विशेषकर इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक के माध्यम से खिलाड़ियों से संपर्क करने में अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। अनजान लोगों के लिए यह नादानी भरा लग सकता है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता और यह उन्हें गलत रास्ते पर ले जा सकता है।
एसीयू की चेतावनी से संबंधित मामलों की पुष्टि एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एजेंट ने भी की थी। उस एजेंट के मुताबिक कई संदिग्ध लोगों ने गुप्त संदेश भेजने का प्रयास किया था। एसीयू के अनुसार सट्टेबाज इस दौरान खिलाड़ियों को खासकर घरेलू सर्किट में खेलने वालों को प्रायोजित प्रलोभन पेश कर सकते हैं।
एसीयू के महाप्रबंधक एलेक्स मार्शल ने कहा कि खिलाड़ियों को तीन ‘आर’ के सिद्धातों का पालन करना चाहिए। रिकॉगनाइज (क्या हो रहा उसे परखे), रिजेक्ट (प्रस्ताव को ठुकरा दें) और रिपोर्ट (एसीयूू को सूचित करें)। हम इस मुद्दे को रेखांकित करने के लिए अपने सदस्यों, खिलाड़ियों और उनके व्यापक नेटवर्क तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वे सभी भी इस खतरे के प्रति जागरूक रहेंगे।