जयपुर। पिछले कई दिनों से भारत समेत दुनिया के तमाम देश नए वायरस कॉरेन है सहमे हुए हैं। भारत के पड़ोसी देश चीन से फैली महामारी कई देशों को डरा रही है। इस वायरस के रोकथाम के लिए भारत सरकार ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है वहीं दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कई देशों को अलर्ट जारी कर रहा है। अब तक इस बीमारी से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। एशिया के कई देशों में इस वायरस के फैलने की खबर ने दुनिया भर के देशों को चौकन्ना कर दिया है। रूस ने चीन से लगती अपनी सीमा पर सख्ती बढ़ा दी है। जबकि, अमेरिकी ने अपने हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले लोगों की जांच के लिए चेक पॉइंट्स बनाए हैं।
भारत के हवाई अड्डों पर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी
भारत में भी इस बीमारी को लेकर काफी सर्तकता बरती जा रही है। भारत के हवाई अड्डों पर चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी है। करॉना वायरस को लेकर अमेरिका, रूस समेत कई देशों में सतर्कता बरती जा रही है। कई देश अपने यात्रियों को चीन न जाने की सलाह भी दे रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नोटिस जारी करके कहा है कि यह वायरस कितना खतरनाक है और कैसे फैल रहा है। इस बीच, जिस तेजी से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ रही है, उसके बाद से सभी देश इस बीमारी से पीड़ित लोगों की पहचान की कोशिशें तेज कर दी है।
कॉरेन वायरस क्या है और कैसे फैलता है
कॉरेन वायरस आमतौर पर जानवरों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कई बार जानवरों से इसका संचार इंसानों में भी हो जाता है। इस वायरस से ग्रसित होने पर श्वास संबंधी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। अभी तक इसके इलाज के लिए कोई कारगर उपाय नहीं खोजा जा सका है। कई बार बीमारी के लक्षण स्वयं ही खत्म हो जाते हैं। यह खतरनाक वायरस लार से भी फैल रहा है। चीन की नैशनल हेल्थ कमिशन ने कहा कि उसने अभी तक ऐसा कॉरेन वायरस नहीं देखा जो मनुष्यों से फैलता हो। बताया जा रहा है कि ये वायरस लार और कफ के जरिए भी फैल रहे हैं।
कॉरेन वायरस से डरे हुए हैं पर्यटक
कॉरेन वायरस से एशिया समेत कई देशों के पर्यटक डरे हुए हैं। पूरे एशिया में करीब 325 लोग इस वायरस से पीड़ित हैं।उत्तर कोरिया ने अपने देश में सभी पर्यटकों की एंट्री पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। वहीं चीन ने वुहान की एक करोड़ से ज्यादा की आबादी को शहर नहीं छोड़ने की अपील की है। अमेरिका की नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इस वायरस के वैक्सीन पर शोध कर रही है। लेकिन मनुष्यों पर इसे परीक्षण में अभी महीनों लग सकते हैं। रूस, कजाकिस्तान और मलयेशिया जैसे देशों ने अपने हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया को सख्त कर दिया है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार