नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कोटा के एक सरकारी अस्पताल में पिछले माह सौ से ज्यादा शिशुओं की मृत्यु की खबर पर राजस्थान सरकार को नोटिस भेजा है और वास्तविक स्थिति को लेकर चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
आयोग ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर एक माह के भीतर इस मामले की विस्तृत विवरण के साथ रिपोर्ट देने के साथ ही राज्य सरकार द्वारा स्थिति से निपटने के लिए उठाए गये कदमों की जानकारी देने को भी कहा है। आयोग ने कहा है कि ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए कि भविष्य में ढांचागत कमियों तथा सुविधाओं के अभाव में दोबारा इस तरह की घटनाएं नहीं हों।
आयोग ने कहा है कि जो खबरें आ रही हैं, और अगर उनमें सच्चाई है तो यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इतनी बड़ी संख्या में सरकारी अस्पताल में शिशुओं की मौत की घटना चिंता का विषय है और राज्य सरकार का दायित्व है कि वह नागरिकों के लिए आवश्यक और बुनियादी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए।
मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए आयोग ने कहा है कि गत दिसम्बर में कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में सौ से ज्यादा शिशुओं की मृत्यु हुई है जिनमें अकेले 23 और 24 दिसम्बर को 48 घंटे के भीतर दस बच्चों की मृत्यु हुई थी। राज्य सरकार का आंकड़ा बताता है कि पिछले वर्ष 963 शिशुओं की मृत्यु हुई जबकि उससे पहले साल एक हजार बच्चों की मृत्यु हुई थी।