कोटा। राजस्थान के कोटा जेके लॉन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के मामले में अस्पताल के अधीक्षक एचएल मीणा को हटा दिया गया है वहीं इस मामले की जांच एक उच्च स्तरीय जांच दल कर रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इस मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर जांच करने के निर्देश दिए और इसके बाद राज्य के चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया कोटा आये। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार देर रात इस मामले में मीणा को अधीक्षक पद से हटा दिया गया।
समिति अड़तालीस घंटों में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। गालरिया ने जेकेलोन अस्पताल पहुंचकर कलेक्टर ओम कसेरा एवं मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना की मौजूदगी में संबंधित चिकित्सकों एवं अधिकारियों के साथ बैठक की तथा अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
उल्लेखनीय कि जेके लॉन अस्पताल में हाल में दस बच्चों की मौत हो गई तथा अस्पताल में एक महीने में 77 बच्चाें की माैत हाे चुकी। इस मामले के सामने आने के बाद गहलोत ने जांच करने के निर्देश दिए वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने गहलोत को पत्र लिखकर इसे दुखद बताया।
बिड़ला ने पत्र में लिखा कि जेकेलोन अस्पताल में अड़तालीस घंटे में दस बच्चों की मौत हो गई वहीं प्रति वर्ष 800 से 900 शिशुओं एवं 200 से 250 बच्चों की मौत हम सबके लिए दुःखद और चौंकाने वाली है। शिशुओं की असमय मृत्यु का मुख्य कारण संक्रमण होना और अस्पताल में उपलब्ध जीवनरक्षक उपकरणों का खराब होना है। अस्पताल में स्वीकृत स्टाफ में भी कई पद खाली पड़े हैं।
उधर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आज कोटा आए है और वह नवजात बच्चों की मौत के मामले में जेकेलोन अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे। पूनियां ने कहा कि बच्चों की मौत के मामले पर राज्य के मुख्यमंत्री का यह कहना कि मौतें तो होती रहती है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार इस मामले को लेकर कितना गंभीर है।