Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
कोटा निकाय चुनाव : BJP के बागी मैदान में अड़े, कांग्रेसी की कोशिशें जारी - Sabguru News
होम Breaking कोटा निकाय चुनाव : BJP के बागी मैदान में अड़े, कांग्रेसी की कोशिशें जारी

कोटा निकाय चुनाव : BJP के बागी मैदान में अड़े, कांग्रेसी की कोशिशें जारी

0
कोटा निकाय चुनाव : BJP के बागी मैदान में अड़े, कांग्रेसी की कोशिशें जारी

कोटा। तमाम कोशिशों में भी राजस्थान में कोटा के दोनों नगर निगम के चुनाव में खड़े बागी प्रत्याशियों को राजी कर पाने में विफल रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने 22 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा तो दिया इसके बावजूद अब भी कई सक्रिय कार्यकर्ता बागी के रूप में मैदान में डटे हुए हैं जबकि कांग्रेस को अब भी शेष बचे बागियों के मानने की उम्मीद है।

कोटा के दोनों नगर निगमों में लगभग दो दर्जन वार्डों में बागी प्रत्याशी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ डटे हुए हैं। उन्हें मनाने के लिए पिछले तीन दिनों में स्थानीय भाजपा नेताओं ने जमकर कोशिशें कीं। यहां तक कि कोटा के संगठन प्रभारी भी यहां पहुंचे, बागियों को अनुशासनात्मक काररवाई का भय दिखाकर चेतावनी भी दी, लेकिन जब इनमें से कोई टस से मस नहीं हुआ तो तीन पूर्व पार्षदों सहित 22 बागियों को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

पार्षदों के अलावा जिन 19 बागी प्रत्याशियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है, वे भाजपा में या तो पूर्व में किसी न किसी जिम्मेदार पद पर रहे हैं अथवा वर्तमान में भी पद पर काबिज हैं। निष्कासित किए गए पार्षदों में से एक पूर्व भाजपा विधायक का निकट का रिश्तेदार भी है और पूर्व में भी कोटा नगर निगम में पार्षद रह चुके हैं। 22 बागियों को बाहर किए जाने के बावजूद अभी भी कम से कम ऐसे डेढ़ दर्जन सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता चुनावी दंगल में डटे हैं।

उधर, नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के प्रयास के बाद चार को छोड़कर कांग्रेस के बाकी बागी चुनाव मैदान से हट गए हैं लेकिन कांग्रेस अभी भी जल्दबाजी में नहीं है और उम्मीद की किरण को जगाए रखते हुए सीधे-सीधे बागियों के खिलाफ काररवाई करने के बजाय उन्हें एक और दिन का समय देने का फैसला किया गया है क्योंकि शहर कांग्रेस अध्यक्ष रविंद्र त्यागी सहित पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इन निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ अलख़ जगाए बैठे बागियों को मनाने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करने में जुटे हुए हैं।

बागियों को मनाने के लिए कांग्रेसी नेताओं का तर्क अब भी वही है कि मौके अभी और भी हैं। कांग्रेसी नेता चाहते हैं कि पहले भले ही बागी कोशिशों के बावजूद नहीं मानकर अपना नाम वापस नहीं ले पाए हो लेकिन एक बार उनसे कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के समर्थन में अब अपनी दावेदारी वापस लेकर पार्टी के पक्ष में प्रचार में जुट जाएं तो मतदाताओं में सकारात्मक संदेश जाएगा। इस बारे में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि जब तक आस है तब तक प्रयास है। रहा सवाल अनुशासनात्मक काररवाई का तो उसके लिए समय ही समय है।