कोटा। राजस्थान में कोटा जिले के सांगोद के थाना प्रभारी के रीडर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 11 हजार रुपए की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार कर लिया जिसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद सांगोद थाना प्रभारी भी थाना छोड़कर भाग गया। इन दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
ब्यूरो के अधिकारी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि कोटा के जवाहर नगर निवासी जय कुमार शर्मा और सांगोद निवासी लक्ष्मीनारायण के खिलाफ सांगोद थाने मे धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज था जिसमें गिरफ्तार नहीं करने की एवज में सांगोद का थाना प्रभारी जयराम जाट अपने रीडर दिनेश मीणा के जरिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था। बाद में यह सौदा 50 हजार रुपए में तय हुआ जिसमें से दिनेश मीणा ने 10 हजार रुपए ले भी लिए।
नौ जून को जय कुमार शर्मा और लक्ष्मी नारायण ने इस संबंध में कोटा में ब्यूरो को लिखित शिकायत दी जिसे सत्यापन के बाद सही पाया गया। रिश्वत की राशि लेने के लिए कल रात रीडर दिनेश मीणा अपने साले मोहित मीणा के साथ जय कुमार के घर पर पहुंचा जहां ब्यूरो ने पहले से ही जाल बिछाया हुआ था।
उन्होंने ने जय कुमार को घर के बाहर बुलाया और इधर नरेश मीणा ने सीधे रुपए लेने के बजाय उसके साले को देने को कहा। साले ने जब दिनेश को यह बात बताई कि से केवल 11 हजार रुपए ही मिले हैं तो पूरी रकम नहीं मिलने पर दिनेश भड़क गया और उसने फोन पर थाना प्रभारी जय राम जाट से बात की तो थाना प्रभारी ने रीडर को यह रुपए लेकर आ जाने और बाकी रकम जल्दी सांगोद पहुंचाने की दोनों को हिदायत देने को कहा।
इस बीच ब्यूरो की टीम ने घेराबंदी करके रीडर दिनेश मीणा को पकड़ लिया लेकिन उसका साला 11 हजार रुपए की राशि सहित अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गया और थाना प्रभारी को सूचना दे दी।
उधर, ब्यूरो की एक टीम सांगोद थाने पहुंच गई लेकिन थाना प्रभारी उनके आने के पहले ही नंगे पैर ही थाने से भाग गया। इस मामले में थाना प्रभारी व रीडर को पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने निलंबित कर दिया है और थाना प्रभारी जय राम जाट और दलाल मोहित को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।