उज्जैन। प्रख्यात कवि कुमार विश्वास की मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रही रामकथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गई है।
हालांकि विश्वास ने विवाद और भारतीय जनता पार्टी वं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आपत्तियों को देख एक वीडियो संदेश के माध्यम से स्पष्टीकरण जारी करते हुए आज कहा कि उन्होंने ये बात उनके कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के संदर्भ में कही थी।
उन्होंने ये भी कहा कि कुछ ‘विघ्नसंतोषी’ लोग उनकी कथा में बाधा डालने के लिए उनके बयान पर विवाद पैदा कर रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर रामकथा निरस्त होने का एक फर्जी पत्र भी तेजी से वायरल हो रहा है।
इस पत्र के संदर्भ में कार्यक्रम के आयोजक महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने यूनीवार्ता से कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल पत्र पूरी तरह फर्जी है। अपने पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार रामकथा आयोजित होगी। कुछ विघ्नसंतोषी लोग कार्यक्रम के निरस्त होने के संबंध में दुुष्प्रचार कर रहेे हैं।
दरअसल विश्वास ने अपनी कथा ‘अपने-अपने राम’ के दौरान कल एक प्रसंग का वर्णन करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत हिंदूवादी संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इस आपत्ति के बाद ही विश्वास को संदेश जारी करते हुए क्षमायाचना करनी पड़ी। कतिपय संगठन रामकथा निरस्त करने की भी मांग कर रहे थे।
इसी क्रम में विश्वास ने आज वीडियाे संदेश जारी कर अपने बयान का संदर्भ स्पष्ट किया। उन्होंने अपने बयान पर आपत्ति जताने वाले लोगों से रामकथा में आने का भी आग्रह किया। उन्होंने वीडियो संदेश में ये भी दावा किया कि उनके परिजन भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं।