प्रयागराज। प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े आध्यामिक और सांस्कृतिक समागम कुम्भ से पहले रविवार को निकली किन्नरों की पेशवाई लोकप्रियता के लिहाज से सभी 13 अखाड़ों पर भारी पड़ी।
किन्नरों के देवत्त यात्रा में दो लाख से अधिक जनसमुदाय ने सड़क के दोनों तरफ खड़े होकर पेशवाई का स्वागत किया। किन्नरों की देवत्त यात्रा के इंतजार में तड़के से ही बच्चे, बुजुर्ग और महिलायें कतारबद्ध होकर सड़क के दोनो ओर खड़े हो गए थे। यात्रा सुबह नौ बजे रामभवन से शुरू हुई।
किन्नर अखाड़ा के आचार्य मांडेलस्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ऊंट पर सवार दोनों तरफ खड़े श्रद्धालुओं का झुक कर अभिवादन स्वीकार किया।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के सभी अखाड़ों की पेशवाई में महामंडलेश्वर, मंडेलश्वर और महंत ट्रैक्टर के रथ पर सवार थे लेकिन किन्नर सफेद घोड़ों की बग्घी पर सवार थे और श्रद्धालुओं पर गले मे पहने फूलों की माला से फूल तोड़कर लूट रहे थे। सुरक्षा में चल रहे जवानों को भीड़ को नियंत्रण करने में पसीने बहाने पड़े।
तीर्थराज प्रयाग में पहली बार निकली किन्नर अखाड़े की देवत्त यात्रा