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Kumbh shadow look foreign delegates from 190 countries - कुंभ की छटा देख भाव विभोर हुये 190 देशों के विदेशी प्रतिनिधि - Sabguru News
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कुंभ की छटा देख भाव विभोर हुये 190 देशों के विदेशी प्रतिनिधि

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कुंभ की छटा देख भाव विभोर हुये 190 देशों के विदेशी प्रतिनिधि
Kumbh shadow look foreign delegates from 190 countries
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कुंभ नगर । दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समागम एवं अलौकिक और अद्वितीय कुंभ और उसके वैभव को देखकर करीब 190 देशों के प्रतिनिधि भाव विभोर हो गये।

अलग-अलग समूह में शुक्रवार को विदेशी प्रतिनिधि संगम तट पर पहुंचे थे। उनका कहना था कि ऐसा अद्भुत और विशाल कार्यक्रम भारत जैसा देश ही आयोजित कर सकता है। उनका मानना था कि सभी देशों की संस्कृति और भाषा भले ही भिन्न हो लेकिन भारत को विश्व गुरु का जो तमगा मिला है वह बिल्कुल सत्य है। यहां की खातिरदारी से विदेशी मेहमान प्रसन्न दिखे। उन्होंने कहा कि हमारी कल्पना से परे जो सत्कार हुआ उसे हम कभी भुला नहीं सकेंगे।

संगम तट का वातावरण देख विदेशी मेहमानों के चेहरे खिले हुये थे। हजारों की संख्या में लोगों को आस्था की डुबकी लगाते देख वे भी खुद को रोक नहीं सके और संगम में स्नान किया। उनका कहना था कि यहां स्नान कर आत्मिक सुख और शांति मिली। कुछ मेहमान कुंभ की महत्ता और श्रद्धालुओं के स्नान के बारे में बताने पर अचरज से भर उठे।

फ्रांस निवासी प्रोफेसर डेनियल नेजर्स ने बताया कि उन्हें यहां आकर बहुत प्रसन्नता हुई। कई बार भारत का भ्रमण कर चुके श्री नेजर्स ने बताया कि वह फ्रांस में प्रोफेसर हैं और उनके यहां लोग हिंदी, बंगाली, तमिल, नेपाली और पश्तो आदि भाषायें सीख रहे हैं।

उन्होंने भारत की मर्यादा को गौरवशाली बताते हुए कहा कि पहली बार वह भारत 1976 में आये थे। इसके बाद वर्ष 1986 में परिवार समेत आये थे। उसके बाद कई बार आए। लेकिन इस बार जो अनुभूति हुई इससे पहले कभी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति फ्रांस की संस्कृति से भी पुरानी है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को दुनिया में सबसे बेहतर बताया।

इटली निवासी रोलैंड ने कहा कि इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन भारत ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम अन्य देशों में भी भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने के लिए होने चाहिये। उन्होंने कहा कि धन्य है यह देश जहां एक साथ बिना भेद-भाव के लोग स्नान का आनंद उठाते हैं।

वहीं, डेनमार्क निवासी आयुर्वेद के विशेषज्ञ कैरोलीड बीच ने गंगा की पवित्रता का विसतार से वर्णन करते हुए बताया कि गंगा का जल केवल जल ही नहीं बल्कि औषधीय खजाना है। इसमें नियमित स्नान से कई रोगों से मुक्ति मिलती है। श्री कैरोलीड ने भारत को सुपर आध्यात्मिक देश बताया और कहा कि दुनिया के कोने कोने से लोग यहां अध्यात्म की तलाश में आते हैं। यहां के पर्वों की तारीफ करते हुये उन्होंने कहा कि इन सभी का अध्यात्म से रिश्ता होता है।