सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला चिकित्सालय में प्रवेश करते है आपको एक चेतावनी नोट दिखेगा। सावधान! आप, सीसीटीवी की निगरानी में हैं। लेकिन इन सीसीटीवी के बावजूद यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन और चिकित्सालय प्रशासन गांधारी बना हुआ है।
प्रॉपर मोनिटरिंग से अभाव में यहां की व्यवस्थाओं का कोई खेवनहार नहीं दिख रहा। महिला चिकित्सालय की तरफ के ओपीडी की स्थिति तो फिर भी ठीक है, लेकिन मुख्य भवन में शुरू किए गए ओपीडी के हाल का भगवान मालिक है। इन अव्यवस्थाओं की शुरुआत पर्ची काटने के समय से होती है।
ठेके पर काम तो व्यवस्था से भी हाथ झाड़ा
मुख्य चिकित्सा भवन में चल रहे ओपीडी में सबसे बुरे हालात रविवार को पर्ची काउंटर पर दिखे। चिकित्सालय में पर्ची काटने का काम ठेके पर है, लेकिन ठेके पर लगे कार्मिक सही से काम कर रहे हैं या नहीं ये देखने का काम चिकित्सालय प्रशासन का है। सरकार ने ठेके पर व्यवस्थाएं नियमित कार्मिकों की नियुक्ति से बचने के लिए की है, लेकिन इन ठेके पर लगे कार्मिकों से काम करवाने की जिम्मेदारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की है।
पिछले लंबे समय से जनरल ओपीडी के पर्ची काउंटर पर ठेके पर लगा कार्मिक नदारद हो जा रहा है। वो वहां है या नहीं है, वहां आने वाले मरीजों को पर्ची के अभाव में क्या समस्या हो रही है ये सब कुछ वहां के सीसीटीवी कैमरे से देखकर भी मॉनिटर किया जा सकता है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।
रविवार को भी जब पर्ची काउंटर पर से कार्मिक नदारद रहा तो इसकी जानकारी पीएमओ को दी। उन्होंने मेल नर्स प्रथम को वहां भेजा। उन्होंने ठेकेदार से बात की और ठेकेदार ने वहां तैनात कार्मिक को लताड़ा। जब पर्ची काटने वाले वहां पहुंचा तो ओपीड़ी का समय खत्म हो गया था।
रविवार को हुई समस्या के बाद सोमवार को नजारा बदल हुआ था, लेकिन सवाल अब भी वही है कि ठेकेदार का काम कार्मिक मुहैया करवाना है और उन कार्मिकों ओर नजर रखने की जिम्मेदारी चिकित्सालय प्रशासन की तो चिकित्सालय प्रशासन कब तक अपनी इस जवाबदेही से भागता रहेगा।
इधर से उधर भगाते हैं मरीजों को
चिकित्सालय में महिला चिकित्सालय की तरफ फिजिशियन, ऑर्थोपेडिक और सर्जरी के मरीजों का ओपीडी है। इन चिकित्सकों से उपचार करवाने वालों के लिए वहीं पर्ची काउंटर बनाए हुए हैं। इसके अतिरिक्त शेष बीमारियों के ओपीडी की व्यवस्था मुख्य भवन में है और इनकी पर्ची भी यहीं कटती है।
सारे कम्प्यूटर को लेन से जोड़ने की सुविधा होने के बावजूद जनाना चिकित्सालय की तरफ के ओपीडी में दिखाने के लिए आने वाले मरीजों की पर्ची मुख्य भवन के ओपीडी और मुख्य भवन के ओपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों की पर्ची जनाना चिकित्सालय की तरफ के ओपीडी काउंटर से नहीं काटी जाती है। वैसे भीड़ कम करने के लिए ये व्यवस्था बेहतर है, लेकिन चिकित्सालय प्रशासन द्वारा इन पर नजर नहीं रखने की सूरत में ये ही अव्यवस्था बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए आफत बन जा रही है।
कल पढ़िए… बदहाल जिला चिकित्सालय : पर्ची लेकर जाओ, विजिटिंग कार्ड लेकर आओ