अमृतसर । पंजाब की पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने मंगलवार को कहा कि शिक्षकों के वेतन में कटौती कर किया जा रहा अन्याय शिक्षा जगत के लिए नुकसानदायी है।
राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने नाम पत्र लिख कर प्रो. चावला ने कहा कि राज्य सरकार ने अनुबंध शिक्षकों को स्थाई करने के लिए उनके वेतन को 42 हजार से कम कर 15 हजार रुपये कर दिया गया है जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से राज्य के अनुबंध शिक्षक धरनेपर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बिना सोचे समझे लिए गए गलत फैसले के कारण शिक्षकों को सड़कों पर बैठने के लिए विवश कर दिया है।
प्रो. चावला ने कहा कि सरकार बताए कि आखिर देश के किस नियम अनुसार अनुबंध शिक्षकों का वेतन 65 प्रतिशत कम कर दिया गया है। क्या सरकार यह चाहती है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब लोगों के बच्चे कभी भी जिंदगी में आगे न बढ़ सकें। क्योंकि भूखे पेट से क्रांति तो हो सकती है, निर्माण नहीं।