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Lakshminarayan Pandey won eight times in BJP's Madhsar parliamentary constituency -भाजपा के गढ़ मंदसौर संसदीय क्षेत्र में आठ बार जीते लक्ष्मीनारायण पांडेय - Sabguru News
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भाजपा के गढ़ मंदसौर संसदीय क्षेत्र में आठ बार जीते लक्ष्मीनारायण पांडेय

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भाजपा के गढ़ मंदसौर संसदीय क्षेत्र में आठ बार जीते लक्ष्मीनारायण पांडेय
Lakshminarayan Pandey won eight times in BJP's Madhsar parliamentary constituency
 Lakshminarayan Pandey won eight times in BJP's Madhsar parliamentary constituency
Lakshminarayan Pandey won eight times in BJP’s Madhsar parliamentary constituency

मंदसौर । मध्य प्रदेश के आखिरी छोर पर स्थित और राजस्थान से घिरे मंदसौर संसदीय क्षेत्र पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा रहा है और उसके नेता लक्ष्मी नारायण पांडेय यहां से आठ बार चुनाव जीत चुके है।

अफीम की खेती के लिए मशहूर इस क्षेत्र के चुनावी इतिहास की एक खास बात यह भी रही कि यहां अब तक हुये 16 चुनावों में दस बार ऐसे उम्मीदवार काे जीत मिली जिसके दल की केंद्र में सरकार नहीं थी। इस संसदीय क्षेत्र में जिला मन्दसौर, नीमच पूर्ण एवं रतलाम जिले का आंशिक भाग शामिल है। इसके तहत मन्दसौर, सुवासरा, मल्हारगढ़, गरोठ, नीमच, मनासा, जावद और जावरा आठ विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें से सात पर भाजपा का तथा एक पर कांग्रेस का कब्जा है।

लक्षमी नारायण पांडेय ने यहां से लगातार 11 बार चुनाव लड़ा जिनमें से आठ बार उन्हें सफलता मिली। कांग्रेस को यहां सिर्फ चार बार जीत मिली है। इसी पार्टी की मीनाक्षी नटराजन यहां से सांसद बनने वाली एक मात्र महिला है। पहले दो चुनाव में यहां कांग्रेस को जीत मिली थी, 1952 में डॉ कैलाशनाथ काटजू और 1957 में मानक अग्रवाल विजयी हुए। वर्ष 1962 में बैरिस्टर उमाशंकर त्रिवेदी ने जनसंघ के खाते में यहां से पहली जीत दर्ज की। अगले चुनाव (1967) में भी जनसंघ के स्वतंत्र सिंह कोठारी विजय हुए।

पांडेय 1971 में पहली बार चुनाव में उतरे और 2009 तक वह लगातार ग्यारह चुनाव लड़े। उन्हें सिर्फ 1980, 1984 तथा 2009 में पराजय मिली। यहां सबसे छोटी हार भी उन्हीं के नाम दर्ज है। वह 1980 में कांग्रेस के भंवरलाल नाहटा से मात्र दो हजार 683 वोट से हार गए थे। उन्हें 1984 में बालकवि बैरागी ने पराजित किया था जबकि 2009 में उन्हें मीनाक्षी नटराजन ने शिकस्त दी थी।

पिछले चुनाव (2014) में भाजपा के सुधीर गुप्ता ने मीनाक्षी नटराजन को पराजित किया था। सुधीर गुप्ता छह लाख 98 हजार 335 मत प्राप्त कर तीन लाख 94 हजार 686 से जीत हासिल की थी जो इस सीट पर अब तक की सबसे बड़ी जीत है।

मदसौर संसदीय क्षेत्र की सीमा राजस्थान के झालावाड़, कोटा, चितोड़ एवं मध्यप्रदेश के रतलाम, उज्जैन की सीमाओं से लगती है। यहां अफीम की खेती बहुतायत में होने से अफीम न सिर्फ कृषि बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मुद्दा है। अफीम की खेती केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन लाइसेंस के आधार पर होने से अफीम निर्धारण राजनीति का महत्वपूर्ण मुद्दा बनता है। यही कारण है कि पिछले वर्षों में अफीम नीति निर्धारण और इसके संशोधन राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय रहे हैं। इसके अलावा रेल सुविधायें , विकास और उद्योगों की कमी से रोजगार का अभाव और बढ़ते अपराध यहां के प्रमुख राजनीतिक मुद्दे हैं।