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Lal bahadur shastri jayanti some precious things related to his life - Sabguru News
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लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े रोचक और प्रेरक किस्से

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लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े रोचक और प्रेरक किस्से
Lal bahadur shastri jayanti some precious things related to his life
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आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिन भी 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। उनको घर में सबसे छोटे होने के नाते प्यार से ‘नन्हें’ बुलाया जाता था।

मात्र 18 महीने के जब लाल बहादुर हुए तो उनके पिता का निधन हो गया। ननिहाल पक्ष के सहयोग से उनकी परिवरिश हुई और उन्हें मां का बहुत सहयोग मिला। यहीं उन्होंने प्राथमिक शिक्षा ली। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने हरिश्चन्द्र हाई स्कूल और काशी विद्यापीठ में की। काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलने के बाद उन्होंने अपने नाम से जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव हमेशा के लिए हटा लिया और नाम के आगे शास्त्री लगा लिया।

देश के अन्य नेताओं की भांति शास्त्री जी में भी देश को आजाद कराने की ललक थी लिहाजा वह 1920 में ही आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे। उन्होंने 1921 के गांधी से असहयोग आंदोलन से लेकर कर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान कई बार उन्हें गिरफ्तार भी किया गया और पुलिसिया कार्रवाई का शिकार बने।

लाल बहादुर शास्त्री जी का विवाह सन् 1928 में ललिता शास्त्री के साथ हुआ, उनकी दो बेचियां और चार बेटे थे।

भारत की आजादी के बाद शास्त्री जी 1951 में दिल्ली आ गए और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई विभागों में काम किया। उन्होंने रेल मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, गृह मंत्री समेत कई मंत्री पद संभाले।

1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने तो उसके अगले ही साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ। देश में भयंकर सूखा भी पड़ा। वित्तीय संकट को टालने के लिए उन्होंने देशवासियों से एक दिन के उपवास की अपील की। वो शास्त्री जी की छवि ऐसी थी कि पूरे देश ने उनके इस फैसले का मान रखा। इसी मौके पर उन्होंने देश की कृषि आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए नारा दिया, ‘जय जवान जय किसान’।

लाल बहादुर शास्त्री जी महात्मा गांधी को गुरु मानते थे। एक बार उन्होंने कहा था – ‘मेहनत प्रार्थना करने के समान है.’ शास्त्री जी महात्मा गांधी के समान ही विचार रखते थे। वह बापू की सोच से बेहद प्रभावित थे।

एक गरीब परिवार से निकलकर और सबसे बड़े लोकतंत्र का कुशल नेतृत्व कर शास्त्री जी ने दुनिया को इतना तो जता दिया कि अगर इंसान के अंदर आत्मविश्वास हो तो वो कोई भी मंजिल पा सकता है।