रांची। सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को चारा घोटाले के एक मामले में दोषी ठहराए गए आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के अलावा राजेंद्र प्रसाद, सुनील सिन्हा, सुशील कुमार समेत 6 दोषियों को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है।
इसके अलावा कोर्ट ने लालू यादव पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है जिसे ना भरने पर सजा 6 महीने के लिए बढ़ा दी जाएगी। कोर्ट ने घोटाले में सप्लायर्स को सात साल की सजा सुनाई है वहीं आईएएस और ट्रेजरी अधिकारियों को भी साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना लगया गया है।
साढे़ तीन साल की सजा होने पर अब लालू यादव को हाईकोर्ट से ही जमानत मिल पाएगी। अगर सजा तीन साल से कम होती तो उन्हें तत्काल जमानत मिल जाती।
सजा सुनाने से पहले जज ने तीखी टिप्पणी की। सीबीआई जज ने कहा कि दोषियों के लिए ओपन जेल ठीक होगी क्योंकि उन्हें ‘काउ फार्मिंग’ का अनुभव है। अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शाम ठीक चार बजे सजा सुनवाई शुरू की। सीबीआई जज शिवपाल सिंह ने 2400 पेज की फाइल में दस्तखत किए जिसमें उनके 4 पेन खत्म हो गए। इसके बाद 24 पेज का फैसला तैयार किया गया।
बता दें कि वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर 1997 को मुकदमा दर्ज किया था और लगभग 21 साल बाद इस मामले में गत 23 दिसंबर को फैसला आया था और लालू सहित कई अन्य दोषी करार दिए गए थे और वहीं जगन्नाथ मिश्रा बरी कर दिए गए थे
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