रांची। राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद केंद्रीय जांच ब्यूरो की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले से जुड़े तीसरे मामले में बुधवार को दोषी करार दिए जाने के बाद शांत नजर आए। लालू ने अदालत से अनुरोध किया कि वह चाय पीना चाहते हैं। अदालत ने उन्हें इजाजत दी और उसके बाद वह अपने सुरक्षा कर्मियों के साथ सीबीआई अदालत की कैंटीन में चाय पीने गए।
राजद प्रमुख ने पहले पानी पीया और बाद में चाय ली। इसके बाद वह अदालत में वापस लौटे। हालांकि, उन्होंने इंतजार कर रहे मीडिया कर्मियों से बात नहीं की।
इसके बाद, अदालत ने लालू को पांच साल जेल की सजा सुनाई। लालू प्रसाद को बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया, जहां वह पहले से ही चारा घोटाले के एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं।
लालू प्रसाद को बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से 1992-93 में धोखाधड़ी से 33.67 करोड़ रुपए निकालने को लेकर दोषी करार दिया।
लालू ने अदालत से खुद को न्यूनतम सजा देने का आग्रह किया, क्योंकि वह पहले से ही चारा घोटाले के एक अन्य मामले में सजा काट रहे हैं। उन्होंने सजा कम करने के लिए अपने स्वास्थ्य का हवाला दिया।
लालू प्रसाद को 23 दिसंबर को देवघर कोषागार से धोखाधड़ी से धन निकासी के मामले में दोषी करार दिया गया और छह जनवरी को साढ़े तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई। लालू पहली बार चारा घोटाले में 2013 में दोषी करार दिए गए थे और उन्हें पांच साल कारावास की सजा दी गई थी।
पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपए के घोटाले को चारा घोटाले के तौर पर जाना जाता है। यह बिहार में 1990 के दशक के दौरान सामने आया था। पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले को सीबीआई को सौंपा गया।