सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही नगर परिषद में पिछले दस सालों में स्थानीय को-ऑपरेटिव सोसायटियों का बहुत ज्यादा हस्तक्षेप रहा है। अब लगभग सभी को-ऑपरेटिव सोसायटियां बंद हो गई हैं।
सिरोही में इसी कारण इस बार निकाय चुनावों में धनबल कम दिखा, लेकिन इसके बाद भी भू-माफिया समूह की सक्रियता बरकरार है। पहले जहां केंडीडेट्स पर सोसयटियां पैसा लगाती थी तो अब भू-माफिया भी अपने-अपने केंडीडेट निकायों में पहुंचाने को सक्रिय हैं।
-1218 और 3384 उदाहरण
सिरोही में नगर परिषद में अपने समर्थित पार्षद घुसाकर किस तरह से जनता की करोड़ो की जमीनें कब्जा करके औने-पौने दामों पर ली जा सकती है इसका उदाहरण खसरा संख्या 1218 और 3384 है। इसके लिए पूरा संगठित गिरोह काम करता है। ये तो सिर्फ दो उदाहरण है। परिषद के भूमि रेकर्ड को टटोला जाए तो कुछ व्यक्ति के परिवारों या उनके करीबियों के नाम ही कब्जों के कई पट्टे जारी होने के दस्तावेज मिल जाएंगे।