अमृतसर। पंजाब में शिव सेना के दिवंगत नेता सुधीर सूरी का रविवार को यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारी, भारी पुलिस बल, दिवंगत नेता के परिजन और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
इससे पहले परिवार ने शनिवार को सरकार के सामने कुछ मांगे रखी थीं और इनके माने जाने तक अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़ गए थे। परिवार ने खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई, परिवार के लिए सुरक्षा और सरकारी नौकरी, हत्या की सीबीआई जांच, लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई और दिवंगत सुधीर सूरी को शहीद का दर्जा देन की मांग की थी।
इस पर अमृतसर के पुलिस उपायुक्त हरप्रीत सिंह सूदन और पुलिस आयुक्त अरुण पाल सिंह ने सुधीर सूरी के परिजनों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। परिवार को सुरक्षा कवर और परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया है। अन्य मांगों पर विचार के लिए सरकार को भेजने के आश्वासन के बाद ही परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ।
गत चार नवंबर को सूरी पर उस समय जानलेवा हमला हुआ था जब वह मजीठा रोड स्थित गोपाल मंदिर के बाहर अपने साथियों के साथ धरने पर बैठे हुए थे। इसी दौरान वहां पुलिस और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की मौजूदगी होने के बावजूद भीड़ में से एक व्यक्ति ने निकल कर सूरी पर पिस्तौल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी।
शिवसेना नेता इस हमले में गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तत्काल एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम में सामने आया कि सूरी को चार गोलियां लगीं थीं। इनमें से तीन शरीर से बरामद की गईं जबकि चौथी गोली कंधे से आर पार हो गई थी। पोस्टमार्टम में गोली लगने और अंदरूनी अंगों के क्षतिग्रस्त होना मौत का कारण बताया गया है।
पुलिस ने बाद में हमलावर संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया था जो अब अदालत से सात दिन के पुलिस रिमांड पर है। प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने हत्यारोपी संदीप को कानूनी सहायता मुहैया कराने हेतु दस लाख रुपए मुहैया कराने का ऐलान किया है। वहीं हिंदू संगठनों ने इस हत्याकांड के विरोध में शनिवार को पंजाब बंद भी रखा था।