Happy Father’s Day | मित्रों पिता की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। लेकिन फिर भी पिता की जो हमारे लिए कोशिशें होती हैं। वह बहुत ही बड़ी होती है। उनकी कोशिशों को और उनके प्यार को उनकी जिम्मेदारियों को उनके बलिदान को एक कविता में समेटने का प्रयास किया गया है। इस कविता को पढ़िए यदि आपको पसंद आती है तो अपने प्रियजनों को अपने पिता और अपने मित्रों को जरुर शेयर करें।
“आसमा की ऊंचाई,
धरती-सी गहराई, यही सोच कर ईश्वर तूने,
पिता की मूरत बनाई।
पिता वह शख्सियत है जो हमें कदम कदम चलना सिखाता है।”
“संसार में मुसीबतों से लड़ना सिखाता है। अच्छाई बुराई का ज्ञान करवाता है
सोचा क्या दूं आपको उपहार, ये जिंदगी आपकी है यही दु वार”
“जिसके प्यार में गुस्सा और गुस्से में प्यार है छुपा
जो कहने को है जमीन पर है आसमान
हर जन्म में हो आप जैसा पिता बस यही सपना…”
“दादा को दादा, चाचा को चाचा, मामा को मामा और नाना को नाना कहना सिखाता है।
परिवार को एक साथ बांधना सिखाता है। बच्चों के साथ बच्चा और बड़ों के साथ बड़ा बनना सिखाता है।
जो सिखाता है।”
“पहला कदम चलना दुनिया से लड़ना
उसके हर कदम का हमें है मान रखना जो सिखाता है।”
“अच्छाई बुराई का अंतर जो देता न कभी हमें मंतर उसकी हर सीख का हमें ध्यान रखना जो सिखाता है। ”
“मां का प्यार बहन-भाई का प्यार एक सूत्र में
हे ईश्वर उस पिता का ध्यान रखना”