नयी दिल्ली | विदेशों से मिलने वाले चंदे का दुरुपयोग करने वाले गैर सरकारी संगठनों के साथ शुरू से ही सख्ती बरत रही मोदी सरकार ने आज एक ऐसे ‘ऑनलाइन टूल’ की शुरूआत की है जो इन्हें मिलने वाले विदेशी धन और उसके इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखेगा।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां इस टूल को ‘लांच’ किया। इसकी मदद से विदेशी अंशदान (नियमन) (एफसीआरए)अधिनियम 2010 के तहत पंजीकृत सभी गैर सरकारी संगठनों के खातों से लेन देन पर नजर रखी जायेगी। इस टूल की मदद से विभिन्न सरकारी विभाग यह पता लगा सकेंगे कि किस संगठन को कहां से पैसा मिल रहा है और इनका वास्तविक उपयोग कहां किया जा रहा है।
अब सरकारी विभागों को इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत गैर सरकारी संगठनों के पैसे के इस्तेमाल से संबंधित आंकडे और सबूत जुटाने में भी आसानी होगी। इस टूल में आंकडों का विश्लेषण करने की सुविधा है जिससे तथ्यों का पता लगाने में सुविधा रहती है। इसका डेशबोर्ड पंजीकृत संगठनों के बैंक खातों से जुड़ा होगा ।
इस मौके पर इस टूल के काम करने की प्रणाली का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। इस मौके पर गृह सचिव राजीव गौबा , गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन , एनआईसी की महानिदेशक नीता वर्मा और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अभी एफसीआरए में लगभग 25 हजार सक्रिय संगठन पंजीकृत हैं। इन संगठनों को वित्त वर्ष 2016-17 में 18 हजार 65 करोड रूपये का अंशदान मिला था। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से विदेशी चंदे का दुरूपयोग करने वाले कई संगठनों के खिलाफ कडी कार्रवाई की है।