नई दिल्ली। बारह साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार के मामलों में फांसी और 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म हाेने पर आजीवन कारावास की सजा के प्रावधान वाले विधेयक पर सोमवार को संसद की मुहर लग गई। यह विधेयक इस संबंध में पिछले दिनों जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा।
राज्यसभा ने ध्वनिमत से दंड विधि संशोधन विधेयक को पारित कर दिया जिसमें छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार के मामलों में कड़ी सजा के उपरोक्त प्रावधान किए गए हैं। लोकसभा इसे गत सप्ताह पारित कर चुकी है। इस संबंध में अध्यादेश 21 अप्रेल को जारी किया गया था।
गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में लगभग दो घंटे तक चली चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष की इस मांंग को खारिज कर दिया कि इस विधेयक को सदन की संयुक्त प्रवर समिति के पास भेजा जाए और फांसी की सजा को आजीचन कारावास में बदला जाए।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा देने का प्रावधान करने को कहा था। मध्यप्रदेश, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश और उत्तरप्रदेश में ऐसे मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान कर चुके हैं।