अलवर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के हालात बहुत गंभीर हैं। कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
सिंह ने आज भाजपा के मोदी.20 सेमिनार में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में पुलिस आमजन को सुरक्षा देने में नाकाम है। प्रदेश की पुलिस पॉलीटिकल इंटेलिजेंस का काम कर रही है। उन्होंने बताया कि भाजपा ने हमेशा आमजन के मुद्दे उठाए हैं।
सिंह ने कहा चाहे जालौर का मुद्दा हो चाहे उदयपुर का मुद्दा हो हर मुद्दे पर भाजपा गंभीरता से आंदोलन कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर जालौर वाले मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज कर लेती और राजस्थान के ही सरकारी अस्पताल में उसका इलाज हो जाता। 20 दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
ईआरसीएपी को लेकर पूछे गए सवाल पर सिंह ने कहा कि राजस्थान सरकार नहीं चाहती कि यह योजना बने। उन्होंने बताया कि विगत भारतीय जनता पार्टी के शासन में योजना को बनाया गया था। उसके बाद सत्ता परिवर्तन हो गया कांग्रेस की सरकार ने दो साल तक इस पर ध्यान नहीं दिया जब राजस्थान की जनता ने इस पर ध्यानाकर्षण किया तब कांग्रेस सरकार जागी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह पता है कि यह योजना को पूरे होने में चार से पांच वर्ष लग जाएंगे और उस वक्त वह सरकार में नहीं रहेंगे इसलिए वह इस योजना को राजनीतिक मुद्दा बनाकर निराकरण नहीं करना चाहते। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राजस्थान में पेयजल के लिए 26000 करोड रुपए स्वीकृत किए लेकिन राजस्थान सरकार ने मात्र चार हजार करोड रुपए ही खर्च किए।
राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा का संसदीय बोर्ड जो तय करेगा वह चेहरा होगा और वही निर्णय करती है। भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के बयान को लेकर उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत बयान हो सकता है और उन्हें ऐसे बयान देने से बचना चाहिए।