जयपुर। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने राज्य की गहलोत सरकार के दो वर्ष का जश्न मनाने की निंदा करते हुए आज कहा कि अपने मन मियां मिठ्टू बनने से दो वर्ष बेमिसाल नहीं बनते है बल्कि हकीकत के धरातल पर बात करें तो ज्यादा अच्छा लगेगा।
कटारिया ने गहलोत सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर दो साल की उपलब्धियो के बारे में सरकार के सामने प्रश्न उठाते हुए कहा कि आपने 10 दिन में किसानों का सम्पूर्ण दो लाख तक का कर्जा माफ करने की बात कही थी। आज उसका पालन केवल कॉपरेटिव सैक्टर में, जिसमें 50 हजार रूपए तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे माफ कर चुकी थी, बचा हुआ कर्जा माफ किया जो नाममात्र का है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बेरोजगार को या तो नौकरी मिलेगी या बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। सरकार आने के बाद वसुंधरा सरकार को छोड़कर कितने बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया है, आंकड़ों से अपनी बात बताएं। जितने भी संविदा कर्मचारी है उन सबको नियमित करने का वादा आपने किया था। फिर दो वर्ष पूरे हो गए, कितने संविदाकर्मी नियमित किया गया। विवरण देवें।
कटारिया ने पूछा है कि पांच वर्ष तक बिजली का बिल नहीं बढ़ेगा। आज किसान और घरेलू उपभोक्ताओ का 2018 का बिल और 2020 का बिल, दोनों की तुलना करके बताएं कि बिल आपने बढाए कि नहीं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दो बजट पास किए। वर्ष 2019-20 एवं 2020-21, इसमें की हुई घोषणाएं जमीन तक कितनी और कौन सी आ गई? मेरी जानकारी के अनुसार दोनों बजटों में जो घोषणा की, वो जमीन पर नहीं उतर पाई।
कटारिया ने कहा कि कानून व्यवस्था इस सरकार के आने के बाद लगभग 21-22 प्रतिशत आईपीसी अपराध बढ़े है। जिसमें विशेषकर महिला अपराध लगभग 62 प्रतिशत, एससी अपराध 70 प्रतिशत तथा एससी अपराध 85 प्रतिशत बढ़े है। क्या यह सरकार की कानून व्यवस्था की उपलब्धि माने। बजरी माफियाओं की जो गैंग और उनके जो केसेज बने है क्या यह कानून व्यवस्था का एक अच्छा स्वरूप है?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दो खेमों में बंटकर जो होटलों में बन्द रही उससे राज्य की व्यवस्था में सुधार आया या गिरावट आई? और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया, अगर आपके पास प्रमाण है तो उनके विरूद्ध अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?