अजमेर। क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान अजमेर में दिनांक 7 मार्च से 9 मार्च तक ‘लर्निंग आउटकम्स: बेस्ट पेडागॉज़िकल प्रैक्टिसेज’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन विभिन्न राज्यों के शिक्षा सचिवों ने अपने राज्य की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
उन्होंने अपने रिपोर्ट में राज्य विशेष की शिक्षा उपलब्धियों की रूपरेखा का विवरण दिया। विभिन्न प्रतिभागियों ने लर्निंग आउटकम्स के प्रयोगों की प्रदर्शनी लगाई। कार्यक्रम के समानांतर सत्रों के अध्यक्षों ने अपने सत्रों का सारगर्भित विवरण दिया।
समापन सत्र में जम्मू कश्मीर के शिक्षा सचिव मोहम्मद हुसैन मीर ने राज्य की शिक्षा उपलब्धियों की धारणा को बताया तथा सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम की भी चर्चा की।
कार्यक्रम के अंत में एनसीईआरटी नई दिल्ली के निदेशक प्रौफेसर हृषिकेश सेनापति ने कहा कि अभी तक क्लास रूम की पद्धति परिणाम पर आधारित रहती है। अत: लर्निंग आउटकम्स पूरी तरह लागू नहीं हो पाया है। हमें बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना चाहिए, इसके लिए आवश्यक है की शिक्षक और विद्यार्थी दोनों परीक्षा परिणाम के साथ समझ के विकास पर ध्यान दें।
प्रो जी. विश्वनाथप्पा (प्राचार्य) ने लर्निंग आउटकम्स और सेमिनार में उपस्थित प्रतिभगियों और संस्थान के शिक्षकों की प्रतिबद्धता की ओर ध्यान आकर्षित किया। प्रो. वीपी सिंह ने कार्यक्रम में आए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और अपने कर्तव्यों पर खरे रहने का सुझाव दिया।देशभर के लगभग 14 राज्यों से आए रिसोर्स पर्सन्स व प्रतिभागियों ने शोधपत्रों का वाचन व पोस्टर प्रैंजेंटेशन किया।