कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के विरोध में पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में वाम मोर्चा की पार्टियों और कांग्रेस ने शुक्रवार को संयुक्त रैली निकाली और प्रदर्शन किए।
इस रैली में 17 वाम पार्टियों और कांग्रेस समेत कुल 20 दलों ने भाग लिया। रैली की शुरूआत सुबोध मल्लिक स्क्वायर से हुई और मध्य कोलकाता के महाजाति सदन में जाकर संपन्न हुई।
रैली का नेतृत्व विभिन्न वाम दलों के नेताओं के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा कर रहे थे। इस दौरान सीएए की वापसी के नारों के साथ विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के झंडों एवं बैनर से पूरा मार्ग पटा हुआ था।
वाम मोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ संयुक्त संघर्ष करने के मुख्यमंत्री एवं तृएामूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि हम तबतक तृणमूल के साथ संयुक्त संघर्ष नहीं कर सकते जबतक कि वह भाजपा की तरह सांप्रदायिक राजनीति के खेल को बंद नहीं कर देती। यदि तृणमूल सांप्रदायिक राजनीति को बंद कर देती है तो हम उसके प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा संदेश बिल्कुल साफ है कि सिर्फ कांग्रेस तथा वाम मोर्चा ही भाजपा के खिलाफ लड़ सकते हैं। केवल हम ही ‘सांप्रदायिक’ भाजपा सरकार के खिलाफ व्यापक जनांदोलन खड़ा कर सकते हैं।
भाजपा पर करारा हमला करते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि सीएए और एनआरसी लागू नहीं किया जा सकता। भाजपा हिंदू और मुसलमानों काे बांटने में कभी सफल नहीं हो पाएगी। हम सीएए को राज्य में लागू नहीं होने देंगे।
फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता नरेन चटर्जी ने कहा कि भाजपा और तृणमूल दोनों ही जनविरोधी पार्टियां हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के विरोध के कारण भाजपा और तृणमूल को एनपीआर के मुद्दे पर वापस हटना पड़ा है।