कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक और अश्लील टिप्पणियां रोकने के लिए कानून बनाने पर जोर दिया है।
न्यायालय ने ऑनलाइन अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये श्रीजा प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां रोकने के लिए कानून बनाने की महती आवश्यकता है।
न्यायालय ने अपनी इस टिप्पणी की एक-एक प्रति मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भेजने का पंजीयक को निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि एक समानान्तर समाज देश के कानून की परवाह नहीं करता है और वह ऑनलाइन टिप्पणियां करता रहता है।
न्यायमूर्ति पी जी कुंजीकृष्णन ने कहा कि सोशल मीडिया पर स्तरहीन दलीलें बढ़ रही हैं।यदि किसी पोस्ट में अपमानजनक टिप्पणी होती है तो उनके जवाब में उससे ज्यादा अपमानजनक टिप्पणियां की जाती हैं। इस स्थिति में देश का कानून असफल हो जाता है। कानून काे न मानने वाला एक समानान्तर समाज उभरता जा रहा है।
ऐसे ऑनलाइन टकराव को नियंत्रित करने के लिए एक कानून बनाये जाने की आवश्यकता है।
न्यायालय ने यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखना सुनिश्चित करे।