सबगुरु न्यूज-सिरोही। शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम में सिरोही नगर परिषद क्षेत्र में चल रहे नरेगा कार्यों में कम मजदूरी मिलने को लेकर मजदूरों ने प्रदर्शन किया। मजदूर पहले जिला कलेक्टर कार्यालय और इसके बाद नगर परिषद पहुंचे।
इसी दौरान शहरी रोजगार गारंटी कार्यक्रम में लगे दिव्यांग मेट ने आरोप लगाया है कि कम मजदूरी को लेकर सभी मेट आयुक्त से मिलने गए थे तो उन्होंने उससे दुव्र्यवहार करते हुए और नेतागिरी करने का आरोप लगाते हुए उसे मस्टरोल जारी करने से मना कर दिया। उसका आरोप था कि उसने दिव्यांग होने की दुहाई दी तो भी उन्होंने दुव्र्यवहार किया। उल्लेखनीय है कि मशाल जुलूस के दौरान तिरंगे के अपमान के मुद्दे पर समाचार पत्र में उनके दिए बयान पर पहले भी विवाद हुआ था।
-आयुक्त पहुंचे समझाइश को
सिरोही शहर में शहरी रोजगार गारंटी अभियान के तहत करीब आधा दर्जन साइट चल रही हैं। इनमें से सभी में मजदूरी दो सौ से कम आई और दो साइटों पर 120 रुपये प्रतिदिन से भी कम आई। इसे लेकर इन कार्यस्थलों पर लगे मजदूरों ने विरोध जताया। ये पहले जिला कलेक्टर कार्यालय गए। इसके बाद वहां से नगर परिषद आए। यहां पर नगर परिषद के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने इन्हें नगर परिषद के अंदर नहीं घुसने दिया।
मुख्यद्वार पर ही ये लोग नारेबाजी करते रहे। आयुक्त अनिल झिंगोनिया इनसे मिलने आए। उन्होंने बताया कि दो साइटों पर किस कारण से मजदूरी इतनी कम आई है। आयुक्त की दलील ने आयुक्त की नगर परिषद के कामो के प्रति गैरजवाबदेही उजागर की। आयुक्त ने कहा कि जिन साइटों पर मजदूरी कम आई वहां पर कुछ मजदूर देर से आते थे, इस कारण काम करने वाले मजदूरों की राशि उन्हें वितरित हो गई, ऐसे लोगों का ध्यान रखना होगा।
सवाल ये है कि नरेगा में अगर इस तरह की लापरवाही चल रही है तो फिर नगर परिषद प्रशासन की मॉनीटरिंग किस बात की कर रहा है। इसी मॉनीटरिंग को लेकर सिरोही विधायक संयम लोढ़ा पूर्व में भाजपा के विधायक को घेरते रहे हैं। वैसे आयुक्त ने आश्वस्त किया कि उन्हें अगले पखवाड़ा से दो सौ रुपये से ज्यादा मजदूरी मिलेगी।
-बातचीत के बाद भी अड़े रहे गेट पर
आयुक्त के बात करके अपने चैम्बर में चले जाने के बाद भी मजदूर दरवाजे पर जमे रहे। बाद में आयुक्त ने मेटों को फिर से अपने कक्ष में बुलवाया। उन्हें मजदूरी कम मिलने की वजह बताई। मेटों ने जब कहा कि उन्हें माप और काम के संबंध में जानकारी नहीं है तो आयुक्त ने उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित करने का आश्वस्त किया। फिर इन मेटों ने उनसे समझाइश की तो वो घरों को लौटे।
-इनका कहना है…
मैने किसी भी मेट को नहीं निकाला। न ही किसी से गलत बयानी की। ये मिथ्या बात कर रहे हैं।
अनिल झिंगोनिया
कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद, सिरोही।