इटावा। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की चिट्ठी के बाद चाचा शिवपाल सिंह यादव अपने खास एवं भरोसेमंद सहयोगियों के साथ आगे की रणनीति के बारे में मंत्रणा कर रहे हैं मगर भतीजे के पत्र पर उन्होने खामोशी की चादर ओढ़ ली है।
अपने गृह नगर इटावा के सैफई में प्रवास कर रहे शिवपाल ने अपनी पार्टी के खास और भरोसे के लोगो से गहन मंत्रणा सैफई से लेकर इटावा तक विभिन्न स्तर पर की है। सैफई में अपने पिता के नाम बने एसएस मेमोरियल स्कूल में गहन वार्ता के बाद अपने चौगुुर्जी आवास पर आज पूर्वाहन और हेवरा मे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर स्थापित कालेज में अपने लोगों से शिवपाल मंथन करने में जुटे हुए हैं।
शिवपाल सिंह जिन जिन कार्यकर्त्ताओं से मंथन चिंतन कर रहे वे पूरी तरह से ना केवल चुप्पी साधे हुए हैं बल्कि शिवपाल सिंह यादव भी अभी कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। पहले शिवपाल ने सोच समझ कर जबाब देने के लिए बात कही थी लेकिन रविवार को भी वह खामोश बने हुए हैं। शिवपाल सिंह यादव की खामोशी कईयों किस्म के सवाल भी खडे कर रही है। कुछ लोग इस बात की तस्दीक रहे हैं कि शिवपाल अखिलेश की चिट्ठी के बाद काफी सोच समझ कर जवाब देने के मूड मे दिख रहे हैं, इसीलिए शिवपाल अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
शनिवार दोपहर में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह के लिए एक चिट्ठी जारी करते हुए लिखा कि आपको जहां ज्यादा सम्मान मिल रहा हो वहां आप जाने के लिए स्वतंत्र हैं। संक्षिप्त भाषा में लिखी गई चिट्ठी में एक तरह से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह को पार्टी से बाहर जाने का अल्टीमेटम दे दिया। जिस तरह राष्ट्रपति चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने खुलकर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया उससे कहीं ना कहीं एक बार फिर से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव में दूरियां बढ़ती हुई नजर आईं।
अखिलेश यादव ने जिस समय शिवपाल सिंह के लिए लेटर जारी किया उस वक्त शिवपाल सैफई स्थित अपने हेंवरा डिग्री कालेज में दोपहर में आराम कर रहे थे। लेटर की सूचना मिलते ही आनन-फानन में शिवपाल सिंह ने इटावा में अपनी पार्टी के खास लोगों और विश्वसनीय लोगों को मंत्रणा के लिए सैफई बुला लिया। लगभग एक घंटे चली मंत्रणा के बाद शिवपाल सिंह यादव अपने लोगों के साथ हेंवरा डिग्री कालेज से निकलकर सैफई में अपने पिता के नाम बने एसएस मेमोरियल में लोगों के साथ बातचीत करने पहुंच गए।
रविवार सुबह अपने चौगुर्जी स्थित आवास पर शिवपाल ने सैकडों लोगों से मेल मुलाकात शिवपाल सिंह यादव ने की लेकिन इस मुलाकात के बीच लोगों से उन्होंने क्या बात की इस बात की पुष्टि नहीं हो पा रही है क्योंकि ना तो शिवपाल के समर्थक कुछ भी बोलने को तैयार हैं और ना ही शिवपाल कुछ भी बोल रहे हैं।
सम्मान और स्वतंत्र होने की अखिलेश की चिट्ठी के बाद शिवपाल की खामोशी किसी के पल्ले नहीं पड रही है क्योंकि इससे पहले शिवपाल लगातार अखिलेश पर सम्मान ना देने के साथ साथ बात ना सुनने की बात करते रहे थे।
विधानसभा चुनाव मे समाजवादी गठबंधन के सत्ता से दूर होने के बाद शिवपाल अखिलेश पर निशाना साधने लगे हैं। शिवपाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कई मौके पर तारीफ करना भी अखिलेश को रास नहीं आया तभी तक अखिलेश इस बात को खुले मंच पर बोल चुके है कि उनके चाचा की चिंता भाजपा को सबसे ज्यादा है। अखिलेश का शिवपाल पर यह ऐसा तंज था जिसको लेकर राजनैतिक हल्को मे चर्चाए शुरू हो गई।
दरअसल 26 मार्च को लखनऊ मे सपा गठबंधन की बैठक में शिवपाल को ना बुलाए जाने को लेकर बिफरे शिवपाल अखिलेश पर आग बबूला बने हुए हैं लेकिन राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष के उम्मीवार यशवंत सिन्हा को आडे हाथों लिए जाने से भी अखिलेश बेहद गुस्से में बने हुए हैं क्योंकि शिवपाल ने खुल कर कहा कि वो एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान करेंगे।
अखिलेश अपने परिवार को नहीं संभाल पा रहे हैं, तो हमें कहां से संभालेंगे : ओमप्रकाश राजभर