नई दिल्ली। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पत्र पर मंगलवार को पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस यदि महिलाओं को वास्तव में बराबरी का हक एवं प्रतिनिधित्व दिलाना चाहती है तो वह भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर तीन तलाक सहित महिलाओं से संबंधित सभी विधेयकों को पारित कराए।
प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे जवाबी पत्र में कहा है कि चूंकि आपने संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व को लेकर गहरी चिंता जताई है, इसलिए मैं चाहता हूं कि भाजपा और कांग्रेस एकजुट होकर भारतीय महिलाओं के लिए ‘नया करार’ करें। उन्हाेंने लिखा है कि नए करार के तहत दोनों राष्ट्रीय दल संसद के दोनों सदनों में महिला आरक्षण विधेयक, कठोर सजा के प्रावधान वाले तीन तलाक निरोधक विधेयक तथा निकाह हलाला निरोधक विधेयक को पारित कराएं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि तीन तलाक एवं निकाह हलाला न केवल मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव वाली प्रथाएं है, बल्कि उनकी मर्यादाओं के साथ गम्भीर समझौता करने वाली भी है। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर महिलाओं एवं उनके अधिकारों से जुड़े मामले में हम दोहरा रवैया नहीं अपना सकते। पहले ही बहुत देर हो चुकी है।
गौरतलब है कि गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि उनकी पार्टी इस विधेयक के लिए सरकार को पूरा समर्थन देने को तैयार है। मोदी ने यह पत्र कानून मंत्री को भेज दिया था। प्रसाद ने उसी पत्र का जवाब गांधी को भेजा है।
कानून मंत्री ने कहा है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने से संबंधित विधेयक भी सामाजिक महत्व का एक महत्वपूर्ण विधेयक है जिसे पारित किया जाना जरूरी है और वह कांग्रेस से इसे पारित कराने में बिना शर्त सहयोग चाहते हैं।
उन्होंने गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी सरकार यह जानना चाहती है कि आखिर कौन सा कारण था कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने तीन साल तक लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश नहीं किया और अंतत: विधेयक स्वत: निरस्त हो गया।
उन्होंने पूछा है कि मोदी सरकार यह भी जानना चाहेगी कि क्या संप्रग के सभी घटक दल एवं उसका साथ दे रहे अन्य विपक्षी दल इस विधेयक का समर्थन करेंगे और सदन को बाधित नहीं करेंगे, क्योंकि ये दल पहले ऐसा कर चुके हैं।