मुंबई । एलआईसी ने आईडीबीआई बैंक में 51 फीसदी नियंत्रण हिस्सेदारी का अधिग्रहण आज, 21 जनवरी 2019 को पूरा कर लिया, जिससे अब यह बैंक का बहुसंख्यक शेयरधारक बन गई है।
जून 2018 में इस सौदे की परिकल्पना की गई थी, जिसमें आईडीबीआई बैंक और एलआईसी दोनों के लिए फायदे की स्थिति मानी गई, विचार यह था कि आपसी तालमेल के जरिए दोनों संस्थाओं के शेयरधारकों, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिए फायदे के अवसर पैदा होंगे। इस ट्रांजेक्शन से दोनों भागीदारों के लिए बड़े बदलाव की भूमिका तैयार होेगी, और भारत में अपनी तरह का पहला वित्तीय समूह तैयार होगा।
आईडीबीआई और एलआईसी बैंक देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांडों में से दो ब्रांड माने जाते हैं। अब एक-दूसरे के साथ से मजबूत होकर यह अपने सभी ग्राहकों के लिए सिंगल विंडो के तहत बैंकिंग और बीमा सेवाओं की सुविधा पेश करेंगे।
आईडीबीआई बैंक में लगभग 1.5 करोड़ रिटेल ग्राहक और लगभग 18,000 कर्मचारी हैं। इस सौदे के साथ एलआईसी ने एक बड़े बैंकाश्युरेंस चैनल में सोचा-समझा निवेश किया है, इससे एलआईसी की उत्पादकता बढ़ जाएगी और वितरण लागत कम हो जाएगी। आईडीबीआई बैंक की 1800 से अधिक शाखाओं का उपयोग एलआईसी पाॅलिसियों को बेचने के लिए टच पाॅइंट्स के रूप में किया जा सकता है।
एनईएफटी के माध्यम से बैंक की 900 से अधिक शाखाओं को भी सैटलमेंट पेमेंट के लिए शुरू किए जाना प्रस्तावित हैं। बैंक अपनी कैश मैनेजमेंट फैसिलिटी का विस्तार एलआईसी के लिए करेगा, जिससे करंट एकाउंट बैलेंस को बढ़ाने और धन की लागत को कम करने में मदद मिलेगी।
आईडीबीआई बैंक को भी एलआईसी के एक लाख से अधिक कर्मचारियों और 11 लाख एजेंटों के व्यापक नेटवर्क तक पहुंच हासिल होगी। इसके अलावा, एलआईसी कर्मचारियों और एजेंटों को प्राथमिकता के साथ मूल्य वर्धित बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच मिलेगी। उद्योग में एलआईसी ब्रांड पर ग्राहकों का भरोसा आईडीबीआई बैंक की स्थिति को मजबूत करेगा।
बैंक दोनों संस्थाओं के ग्राहक व्यवहार का विश्लेषण करने के लिए डेटा एनालिटिक्स क्षमताओं का लाभ उठाने के लिहाज से अपने निवेश में बड़ी वृद्धि करेगा। यह बैंक को अपने उत्पाद की पेशकशों को बढ़ाने, वितरण लागत को कम करने, डि-रिस्क पोर्टफोलियो और रिटेल बिजनेस बनाने में सक्षम करेगा। आईडीबीआई बैंक के लिए रिटेल लोन पोर्टफोलियो पहले से ही वित्तीय वर्ष 15 के समग्र ऋण के 32 फीसदी से वित्तीय वर्ष 18 तक 46 फीसदी बढ़ गया है और वित्तीय वर्ष 20 तक इसके 50 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस साझेदारी के साथ आपसी तालमेल से बेहतरीन राजस्व की उम्मीद है। आईडीबीआई बैंक और एलआईसी ने अगले 12 महीनों में साथ मिल कर किए जाने वाले कामों को पूर्ण स्वरूप देने पर काम करना शुरू कर दिया है। बेहतर वित्तीय स्वास्थ्य के बूते बैंक न केवल समयबद्ध तरीके से पीसीए से बाहर निकलने के लिए तैयार होगा बल्कि शीर्ष रैंक वाले बैंक होने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।