शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले की एक अदालत ने आश्रम की आड़ में चकलाघर चलाने के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन के अनुसार शहर के फिजीकल क्षेत्र में पुलिस ने 16 नवंबर 2016 को शकुंतला परार्मश समिति की संचालिका शैला अग्रवाल और इनके पिता के एल अग्रवाल को आश्रम की आड़ में चकलाघर चलाने के मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था। पुलिस ने 7 मासूम बच्चियों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया था।
विशेष एवं सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार वर्मा ने बाल आश्रम में हुए दो साल पुराने यौन शोषण कांड को लेकर आश्रम की संचालिका एडवोकेट शैला अग्रवाल व उसके पिता रिटायर्ड प्रोफेसर केएन अग्रवाल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
16 नवंबर 2016 को काउंसलरों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। पटेल नगर स्थित शकुंतला परमार्थ समिति के बाल आश्रम पर दबिश देकर आश्रम की संचालिका शैला को गिरफ्तार किया था। उसके दो दिन बाद संचालिका के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
आश्रम की बालिकाओं ने पुलिस को दिए बयानों में खुलासा किया था कि आश्रम की संचालिका शैला के पिता केएन अग्रवाल उनके साथ कई साल से यौन शोषण कर रहे हैं। इसके बाद ग्वालियर से आई दो काउंसलरों ने जब बालिकाओं की कांउसलिंग की तो यह खुलासा हुआ।
इसके बाद काउंसलरों की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया और शैला सहित उसके पिता को गिरफ्तार किया। न्यायालय ने माना कि आश्रम की संचालिका को अपने पिता के इस कृत्य के बारे में पता था। बावजूद इसके उन्हें रोकने की बजाय वह उन्हें संरक्षण दिए थी। यदि कोई बालिका इसकी शिकायत करती थी तो वह मारपीट भी करती थी। पूरे मामले को सुनने के बाद सोमवार को दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।