पलक्कड़। केरल में पलक्कड़ की अतिरिक्त फास्ट ट्रैक अदालत ने सोमवार को जिले के मन्नारक्कड़ के पास कल्लंकुझी के पल्लथ हमजा (45) और उसके भाई नूरुद्दीन (40) की हत्या के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के 25 कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
यह मामला 20 नवंबर 2013 का था, जिसमें हमजा और नूरुद्दीन को सुन्नी-शिया समुदायों के बीच संघर्ष में मौत के घाट उतार दिया गया था, जब हमजा ने कल्लंकुझी जुमा मस्जिद से ‘थानाल’ नामक एक संगठन के अवैध धन संग्रह को समाप्त करने के लिए वक्फ बोर्ड से एक अनुकूल आदेश प्राप्त किया था। ये हत्याएं आईयूएमएल कार्यकर्ताओं की ओर से प्रतिशोध में की गई थीं। हमले में एक अन्य भाई कुन्ही मोहम्मद भी गंभीर रूप से घायल हो गया।
जिला न्यायाधीश टीएच रजिता ने उनके खिलाफ एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया, जिसमें दोनों परिवारों के परिजनों को 50,000 रुपए का भुगतान किया जाएगा।
आईयूएमएल नेता और कन्हीरापुझा पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सी एम सिद्धिक मामले के पहले आरोपी थे। मामले में कुल 27 आईयूएमएल कार्यकर्ताओं को सूचीबद्ध किया गया था। उनमें से एक अपराध के दौरान नाबालिग था और चौथे आरोपी की मुकदमे की कार्यवाही के दौरान मौत हो गई।