अजमेर। राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने मांग की है कि शराब की बिक्री राशन कार्ड के आधार पर की जाए ताकि शराब पीने वालों की पहचान हो सके।
देवनानी ने आज यहां एक बयान में कहा कि कोरोना महामारी के चलते शराबबंदी के बाद हटाई रोक के बाद शराब की दुकानों पर उमड़ी भीड़ से ये महसूस होता है कि बीपीएल, एपीएल और खाद्य सुरक्षा योजना के दायरे में आने वाले व्यक्तियों के पास शराब खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे है।
उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें अपने स्तर पर तथा भामाशाहों के माध्यम से जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहे है तो दूसरी ओर सभी तरह के लोग शराब खरीद रहे हैं जिससे अब यह आवश्यक है कि ऐसे परिवारों की पहचान होनी चाहिए ताकि उस परिवार की महिलाएं अथवा अन्य सदस्य परेशान न हो।
इधर, अजमेर में 40 दिनों के लॉकडाउन के बाद खुली दुकानों से शराब की बिक्री की कीमत करीब आठ करोड़ के आसपास आ रही है। ऐसे में महसूस किया जा सकता है कि शराब प्रेमियों के पास पैसे की कमी नहीं है।
आबकारी विभाग के राजस्व निरीक्षक डॉ. संपतराज के अनुसार शराब के स्टॉक की कोई कमी नहीं है। बिक्री के चलते दुकानों पर स्टॉक अवश्य खत्म हुआ लेकिन विभाग के माखुपुरा तथा घूघरा घाटी स्थित गोदामों से देशी एवं अंग्रेजी मदिरा की आपूर्ति नियमानुसार की जा रही है जिससे विभाग को भी राजस्व की प्राप्ति हो रही है।
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