पटना। केंद्र के मोदी मंत्रिमंडल ने हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी सांसद एवं चाचा पशुपति कुमार पारस को पार्टी के कोटे से मंत्री बनाए जाने से नाराज सांसद एवं (चिराग गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का अपने राम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगभग मोहभंग हो चुका है।
कल तक खुद को मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान अब उनकी बात नहीं करते। इन सबके बीच पासवान और बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच रिश्ते मजबूत होते नजर आने लगे हैं।
पिछले कुछ दिनों से राजद के तमाम नेता यह बयान देते रहे हैं कि पासवान को राजद से हाथ मिला लेना चाहिए। इन बयानों के बीच राजद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने पासवान से उनके दिल्ली स्थित आवास पर जाकर कल मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात के दौरान क्या बातें हुई, यह पता नहीं चल सका है। हालांकि दोनों नेताओं की मुलाकात की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसके बाद से नए राजनीतिक मायने तलाशे जाने शुरू हो गए हैं।
पिछले कुछ दिनों से बिहार में जिस तरह से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी है, उसमें इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पासवान और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव एक साथ आ सकते हैं। पासवान और यादव दोनों युवा नेताओं के एक साथ आने के बाद प्रदेश की राजनीति में एक अलग रंग देखने की उम्मीद की जा रही है। यदि दोनों युवा नेता एक साथ आते हैं तो सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
लोजपा संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन के बाद पारस ने भले ही पार्टी कार्यालय पर अपना अधिकार जमा लिया हो लेकिन कार्यकर्ताओं और समर्थकों में चिराग पासवान ही उत्तराधिकारी हैं। पासवान की आशीर्वाद यात्रा में जुट रही भीड़ से यह समझा जा सकता है कि कार्यकर्ताओं के बीच में उनकी पैठ कितनी मजबूत है।