नैनीताल। हरिद्वार धर्म संसद में तथाकथित रूप से भड़काऊ भाषण देने (हेट स्पीच) के आरोपी स्वामी यति नरसिंहानंद को हरिद्वार के जिला एवं सत्र न्यायालय ने राहत प्रदान करते हुए सोमवार को सशर्त जमानत मंजूर की है।
स्वामी यति नरसिंहानंद पर आरोप है कि उन्होंने तीर्थ नगरी हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया है और धर्म विशेष की भावनाओं को भड़काने का काम किया है। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया था।
स्वामी यति नरसिंहानंद की ओर से हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप गलत हैं। उच्चतम न्यायालय के धेय वाक्य ‘यतो धर्मो, ततो जया’ में भी धर्म की बात कही गई है। धर्म संसद एक कमरे में चल रही थी।
दूसरी ओर प्रतिवादी पक्ष की ओर से उनकी जमानत का विरोध किया गया। अधिवक्ता नारायण हर गुप्ता ने बताया कि अंत में अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्वामी नरसिंहानंद को सशर्त जमानत प्रदान कर दी।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि आरोपी 10 फरवरी को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होगा और बिना अदालत की अनुमति के विदेश नहीं जा सकेगा। साथ ही जांच अधिकारी को सात दिन के अंदर अपना पासपोर्ट सौंपना होगा।
गौरतलब है कि इस मामले के सह अभियुक्त जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पर भी धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं और निचली अदालत से उन्हें जमानत नहीं मिल पायी। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।