अजमेर। अजमेर जिला एवं सत्र न्यायालय में लॉकडाउन 4 मई से लेकर 16 मई तक अति आवश्यक मामलों की सुनवाई ईमेल, स्काई ऎप, व्हाट्सएप कॉलिंग जैसे संचार माध्यमों से होगी। वकीलों व पक्षकारों के प्रवेश पर पूर्ण पाबंदी रहेगी।
इस दौरान 3 अदालतें जिनमें एक विशेष अदालत, एक अपर जिला एवं सत्र न्यायालय की अदालत तथा एक न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत अति आवश्यक मामलों में जमानत सुपुर्दगी नामा व अन्य अत्यावश्यक मामले जिसे न्यायालय आवश्यक समझे ऎसे ही मामलों की सुनवाई की जाएगी। खुलने वाली प्रत्येक अदालत का सुरक्षा की दृष्टि से वह कोविड-19 के दृष्टिकोण से प्रत्येक दिन सैनिटाइज होगी।
लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि अदालत में कोविड-19 संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूप कुमार सक्सेना द्वारा गठित कमेटी जिसमें एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदीश जानी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय त्रिपाठी व एक वरिष्ठ न्यायिक कर्मचारी संजय गोयल के नामित सदस्यों के रूप में कमेटी का गठन किया गया है।
जो अदालत परिसर की व्यवस्थाओं को कोविड-19 संक्रमण के तहत सैनिटाइजेशन करते हुए आवश्यक कदम उठाने के लिए प्रत्येक दिन कार्रवाई करेगी और सुरक्षा के कदम उठाए जाएंगे। अदालत परिसर में लॉकडाउन तक ना केवल पुलिस जाब्ता तैनात रहेगा बल्कि मेडिकल टीम भी अदालत परिसर में मौजूद रहेगी।
कोई भी पक्षकार अदालत परिसर में तब तक प्रवेश नहीं करेगा, जब तक कि अदालत द्वारा इस हेतु आवश्यकता होने पर विशेष अनुमति प्रदान नहीं कर दी जाती। अधिवक्तागण जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र, ईमेल आईडी dc.ajm_rj@nic.in पर पेश कर सकते है। प्रस्तुत प्रार्थना पत्र पर एडवोकेट्स अपने व्हाट्सएप नंबर व ईमेल आईडी का उल्लेख करना आवश्यक होगा।
उसके अभाव में प्रार्थना पत्र की सुनवाई नहीं की जाएगी सभी वकीलों व पक्षकारों से अपील की है कि लॉकडाउन रहने तक अदालतों में आने से बचना चाहिए। प्रकरणों में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होगी तथा बयान व अन्य कार्रवाई के लिए अदालत में उपस्थित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। सभी अदालतों द्वारा इस संबंध में पक्षकारों को उनके प्रकरणों में कॉमन डेट प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूप कुमार सक्सेना द्वारा इस दौरान जो न्यायाधीश व कर्मचारी अदालत परिसर में ड्यूटी पर नहीं है वह अपने मुख्यालय छोड़कर नहीं जा सकेंगे और अपने निवास पर अदालत समय में मौजूद रहेंगे। सभी अदालतें अपनी आवश्यकतानुसार न्यूनतम स्टाफ को ही अदालती कार्य के लिए बुलाएंगे। इसके साथ ही अदालत में सभी मौजूद अधिकारी गण कर्मचारी मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग की पूर्णता पालना करेंगे।
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