जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि परस्पर दूरी बनाए रखने से ही कोरोना से बचा जा सकता है और लॉकडाउन का उद्देश्य भी यही है।
गहलाेत ने मंगलवार को राज्य के सभी जिला कलेक्टराें एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लॉकडाउन की स्थिति की समीक्षा करते कहा कि लोग घरों में रहें अन्यथा मजबूरीवश राज्य में कर्फ्यू लगाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आए। कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के निर्देशों की शत-प्रतिशत पालना हो।
गहलोत ने कहा कि राज्य स्तरीय वॉर रूम की तरह ही जिलों में भी वॉर रूम स्थापित किए जाएं। यह वॉर रूम 24 घंटे कार्यरत रहें और इनमें वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए। यह वॉर रूम लॉकडाउन की स्थिति से आमजन को होने वाली परेशानियों का संवेदनशीलता एवं तत्परता के साथ समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि आवश्यक कार्याें के लिए आमजन को परेशान नहीं होना पड़े इसके लिए परमिट जारी करने की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन किया जाए। इसके लिए मोबाइल एप अथवा ई-मेल आईडी बनाएं।
गहलाेत ने कहा कि निजी वाहनों की आवाजाही को कड़ाई से रोका जाए। बेवजह वाहन लेकर निकलने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करे। लोगों को घरों में रखना हमारी एकमात्र प्राथमिकता है। गरीबों, फेरी लगाकर अपनी जीविका अर्जित करने वाले लोगों, रिक्शाचालकों, मजदूरों आदि समाज के जरूरतमंद तबकों के लिए जिला कलेक्टर भोजन एवं राशन की कमी नहीं आने दें, इस काम में सेवाभावी संस्थाओं, भामाशाहों आदि का सहयोग लें।
उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित दुकानों के खुलने पर कोई रोक नहीं है, न ही उनके लिए कोई समय सीमा निर्धारित की गई है। दुकानें खुलने से सप्लाई चैन सुचारू रहेगी और दैनिक उपभोग की वस्तुएं लेने के दौरान भीड़भाड़ भी नहीं होगी, जो लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य है। गहलोत ने कहा कि उपभोक्ता भण्डार की मोबाइल वैन का उपयोग आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए किया जाए ताकि लोगों को बाजार कम से कम जाना पड़े।
गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने का दायित्व पुलिस अधिकारियाें पर है। चूंकि यह लॉकडाउन कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें सख्ती के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इसकी पालना करवानी है। लोगों को समझाने के लिए माइक लगे वाहनों का उपयोग शहरों के साथ-साथ बड़े कस्बों में भी किया जाए।