जयपुर। राजस्थान में कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूं के स्थान पर आटा वितरित किया जाएगा।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र के लाभार्थियों को दिए जाने वाला गेहूं का उठाव भारतीय खाद्य निगम से सीधा आटा मिलों को किया जाएगा।
प्रदेश में मई माह से गेहूं के लिए यह व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा गेहूं की पिसाई कर प्रति किलोग्राम दस प्रतिशत छीजत काटते हुए दिए जाने वाले गेहूं की मात्रा के बदले आटा उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आटा मिलों द्वारा 10, 20, 25 एवं 50 किग्रा की पैकिंग तैयार की जाएगी। लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार देय गेहूं की मात्रा में से आनुपातिक छीजत कम करते हुए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार आटे का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी भी लाभार्थी द्वारा आटे के स्थान पर गेहूं की मांग की जाए तो उसे गेहूं ही उपलब्ध करवाया जाएगा।
मीना ने बताया कि आटा मिलों से उचित मूल्य की दुकानों पर आटा पहुंचाने के बाद लाभार्थियों को वितरण करने से पहले पॉस मशीन में इन्द्राज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के जो क्षेत्र कर्फ्यूग्रस्त नहीं है वहां की आटा मिलों एवं आटा चक्कियों को खुला रखने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्रों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा अन्य जरूरत मंद परिवारों को निःशुल्क ड्राई राशन सामग्री में गेहूं आदि के रूप में वितरित किया जाना है ऎसे प्रकरणों में दानदाताओं को ड्राई राशन में गेहूं अनाज के स्थान पर आटा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।