नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से हमारे देश में इस समय 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है । इस समय प्रत्येक भारतीयों के जेहन में बस एक बात बार-बार परेशान कर रही है, क्या देश में लॉकडाउन की स्थित 21 दिनों से भी आगे चलने वाली है। इस समय हमारे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को दोबारा राष्ट्र को संबोधित किया था।
उसके अगले दिन यानी 25 मार्च से संपूर्ण भारत में लॉकडाउन करने का पीएम मोदी ने एलान कर दिया था। हम अगर बात करें 21 दिन लोग डाउन 14 अप्रैल को खत्म हो जाएगा लेकिन केंद्र सरकार जिस प्रकार से अपनी तैयारी कर रही है उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन कम से कम तीन महीने तक भी लगाया जा सकता है। कोरोना वायरस की महामारी भारत में अपने पैर पसारते ही जा रही है, कोरोना वायरस की महामारी भारत में अपने पैर पसारते ही जा रही है।
शुक्रवार तक देश में कोरोना से 17 माैत और पीड़ित लोगों की संख्या 700 के पार पहुंच गई। इस बीच इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया है, उसका आज तीसरा दिन है। लॉकडाउन के चलते आम जनमानस को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और हजारों मजदूर अपने घरों के लिए पैदल ही निकल रहे हैं।
मोदी सरकार ने राहत पैकेज का किया एलान
लॉकडाउन के दूसरे दिन मोदी सरकार ने राहत पैकेज का एलान किया, लेकिन जिस तरह हर योजना को अगले तीन महीने के लिए तैयार किया गया उससे इस बात की संभावनाओं को बल मिलने लगा है कि क्या ये लॉकडाउन का संकट 21 दिनों से बड़ा होने वाला है। लॉकडाउन के चलते घरों में कैद हुई जनता परेशान है और विपक्ष की ओर से आर्थिक पैकेज की मांग लगातार हो रही थी, गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सामने आईं और 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान कर दिया है। निर्मला सीतारमण ने इस दौरान महिलाओं के खाते में राशि, मुफ्त गैस सिलेंडर, किसानों को आर्थिक मदद, कर्मचारियों के ईपीएफ में मदद जैसे बड़े एलान किए, लेकिन इनमें सिर्फ एक ही चीज कॉमन थी वो ये कि हर चीज की तैयारी 3 महीने के लिए की गई है।
फिलहाल देश के लोगों को 14 अप्रैल तक अपने घरों में ही रहना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश को कोरोना महामारी के मसले पर देश को संबोधित किया था, तब उन्होंने देशवासियों से दो-तीन हफ्ते मांगे थे। इसके बाद पहले एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया, लेकिन 24 मार्च को 21 दिन का महाकर्फ्यू लगा दिया गया। यानी 14 अप्रैल तक लोगों को अपने घरों में कैद रहना है। लेकिन अब जिस तरह से तीन महीने तक की राहतों का एलान किया जा रहा है, ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार आगे की तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रही है।
हालांकि, केंद्र सरकार ने इस बात की पुष्टि नहीं की है, सवाल उठ रहा है कि अगर कोरोना वायरस के हालात नहीं सुधरते हैं तो क्या लॉकडाउन को 21 दिन से बढ़ाकर अप्रैल-मई और जून तक जारी किया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कई बार इसका जिक्र किया है कि कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने के लिए 21 दिनों तक सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखने की बात कही है, इसी वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है।
अन्य देशों में लॉकडाउन का क्या असर
भारत से पहले कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में अपना भयानक रूप दिखा चुका है। चीन, स्पेन, ईरान, इटली और अमेरिका अबतक की सबसे भयावह बीमारी का सामना कर रहे हैं। भारत से पहले इन देशों ने भी अपने यहां लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसका कुछ हद तक असर भी दिखा है। हालांकि अगर इटली की बात करें तो वहां पर कोरोना वायरस चौथी स्टेज में चल रहा है। इटली ने 4 मार्च को सभी स्कूल बंद किए थे, 9 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का एलान कर दिया था।
लेकिन अब जब वहां दो हफ्ते से अधिक लॉकडाउन को हो गए हैं, कोरोना के खतरे में कमी नहीं आई है, इटली में रोजाना 600 से अधिक मौत होने का आंकड़ा सामने आ रहा है। इटली की तरह की अमेरिका ने भी अपने देश में नेशनल इमरजेंसी लगाई और लोगों को घरों में रहने को कहा, लेकिन पिछले दो हफ्तों में अमेरिका में कोरोना वायरस ने भयानक रूप ले लिया और अब वहां पॉजिटिव केस की संख्या 67 हजार के पार पहुंच चुकी है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार