अजमेर। कोरोना वायरस के कारण शहर में लागू किए गए लॉकडाउन के चलते क्षेत्र में जरूरतमंदों तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंचाए जाने से खफा अजमेर नगर निगम के भाजपा और कांग्रेस पार्षदों ने मिलकर गुरुवार को कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन किया। सभी में इस बात को लेकर गुस्सा था कि राहत पहुंचाने के नाम पर प्रशासन केवल कागजी खानापूति कर रहा है। इससे आमजन में सरकार के प्रति गुस्सा पनप रहा है।
उधर, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने तल्ख तेवर अपनाते हुए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर रहे पार्षदों को नसीहत दी की ये समय राजनीति करने का नहीं है। इस पर बात बिगड गई। पार्षदों और पुलिस कप्तान के बीच जमकर बहस हुई। सभी पार्षदों को चेतावनी देते हुए पुलिस अधीक्षक ने पुलिस वाहन में बैठा कर कलेक्ट्रेट से पुलिस लाइन ले जाए जाने के लिए रवाना कर दिया।
पार्षद नीरज जैन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों से निकलने की मनाही है। लॉकडाउन के दौरान आमजन को अपनी तरफ से फौरी राहत के लिए सब पार्षदों ने एक जगह रसोई तैयार करवाकर बने खाने को बंटवाने का काम शुरू किया था। अक्षयपात्र के जरिए भी भोजन 6000 पैकेट आ रहे थे। सुबह अचानक प्रशासन को यह कहते हुए सभी को रोक दिया कि प्रशासन ने सब व्यवस्था कर दी है इसलिए बाकी सबकों इजाजत नहीं दी जा सकती।
जैन ने बताया कि प्रशासन दावा कर रहा है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं में लाथियों को सुविधा मिलना शुरू हो गई है। अब ऐसे जरूरतमंद जो किसी सरकारी योजना में लाभ नहीं ले सके हैं उनकी सूची बीएलओ के जरिए तैयार करवाई गई है, प्रशासन उन लोगों के घर पहुंचकर खाने की व्यवस्था कर रहा है।
पार्षदों का कहना था कि बीएलओ की सूची कब, कैसे और किस आधार पर बनी इसका प्रशासन के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। मनमर्जी से तैयार की गई आधी अधूरी सूची के कारण वार्डों में जरूरतमंद परेशान हो रहे हैं। वे राहत मांगने पार्षद के पास ही पहुंचते हैं। प्रशासन को कहा जाता है तो कोई सुनवाई नहीं होती।
कांग्रेस और भाजपा ने की प्रशासन की निंदा
जरूरतमंदों को अक्षयपात्र के जरिए भोजन वितरण की व्यवस्था बंद करने की भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों ने निंदा की है। शहर कांग्रेस ने जिला प्रशासन द्वारा अक्षयपात्र के जरिए गरीब एवं असहाय लोगों को दोना समय भोजन व्यवस्था को बंद किए जाने को गैर जरूरी बताया। शहर अध्यक्ष विजय जैन ने इस बारे में कलक्टर से बात कर ऐतराज भी दर्ज कराया। उन्होंने इससे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी अवगत करा कर अक्षयपात्र खाना तत्काल शुरू कराने का आग्रह किया है। जैन ने यहां तक कहा है कि कलेक्टर के रिलीफ फंड में भामाशाहों से मिल रही वित्तीय सहायता से अक्षयपात्र का खाना वितरण जारी रखा जाए।
इसी तरह भाजपा नेताओं ने प्रशासन के कदम की निंदा करते हुए कहा कि बीएलओ की सूची अपडेट नहीं है। बीएलओ वंचित परिवारों तक पहुंचे ही नहीं इसलिए अनेक परिवारों के नाम उनकी सूची में शामिल नहीं हैं। सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक अनिता भदेल, शहर बीजेपी अध्यक्ष प्रियशील हाडा, महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, उपमहापैर संपत सांखला, आदि ने जरूरतमंदों के लिए भोजन वितरण व्यवस्था जारी रखने की मांग की है।
अजमेर : हिरासत में लिए गए सभी बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों को पुलिस ने छोडा