चेन्नई। तमिलनाडु में विभिन्न जिलों में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी बुधवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे और गुरुवार को वह चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के साथ बैठक कर मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श करेंगे।
तमिलनाडु में लागू लॉकडाउन-6 31 जुलाई को खत्म हो रहा है। पलानीस्वामी इन बैठकों में इस बात पर चर्चा करेंगे कि राज्य में लॉकडाउन बढ़ाया जाये अथवा नहीं। तमिलनाडु में अब तक कोरोना संक्रमण के 2.20 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 1.62 लाख मरीज इस महामारी से पूरी निजात पा चुके हैं। तमिलनाडु में कोरोना से रिकवरी दर करीब 75 फीसदी है जो देश में दूसरे स्थान पर है।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पिछले तीन दिनों से लगातार राज्य में कोरोना संक्रमण के करीब सात हजार नये मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं, जिसे देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन को एक महीने के लिए और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि कुछ रियायतें भी मिलने की उम्मीद है। राज्य में प्रत्येक रविवार को संपूर्ण लॉकडाउन की व्यवस्था के जारी रहने की संभावना है।
इस दौरान सार्वजनिक और निजी परिवहन सेवाओं के अलावा चेन्नई मेट्रो समेत ट्रेनों के परिचालन और नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेंगे। इसके अलावा थियेटर और शॉपिंग माल्स पर भी प्रतिबंध जारी रहेगा। मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों को आम लोगों के लिए फिलहाल बंद रखा जायेगा।
तमिल फिल्म उद्योग ने सरकार से फिल्मों की शूटिंग दोबारा शुरू करने की अनुमति मांगी है। इसको लेकर फिल्म उद्योग की ओर से मंगलवार को सरकार को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिले के भीतर सार्वजनिक परिवहन सेवा को बहाल किए जाने की उम्मीद है। ऐसा उन जिलों में ही किया जायेगा जहां कोरोना संक्रमण के मामले कम हैं। एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाली बस सेवा को फिलहाल बंद रखे जाने की ही उम्मीद है।
राजधानी चेन्नई में पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिली है। इसलिए यहां के लोगों को सरकार की ओर से कुछ रियायतें मिल सकती हैं।
इस बात की पूरी उम्मीद है कि कंटेनमेंट जोन को छोड़कर अन्य स्थानों पर सुरक्षात्मक इंतजामों के साथ शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दी जा सकती है। गौरतलब है कि 2019 में राज्य सरकार को शराब की बिक्री से 30 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था।