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चौथे लॉकडाउन में रहेगी अधिक छूट लेकिन स्वयं की बचाने की जिम्मेदारी भी होगी - Sabguru News
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चौथे लॉकडाउन में रहेगी अधिक छूट लेकिन स्वयं की बचाने की जिम्मेदारी भी होगी

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चौथे लॉकडाउन में रहेगी अधिक छूट लेकिन स्वयं की बचाने की जिम्मेदारी भी होगी
Lockdown preparation for the fourth time in India
Lockdown preparation for the fourth time in India
Lockdown preparation for the fourth time in India

सबगुरु न्यूज। अभी कोरोना वायरस देश में जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए चौथी बार लॉकडाउन का बढ़ना तय है। 12 मई को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पांचवी बार राष्ट्र के नाम संबोधित किया था तभी उन्होंने संकेत दे दिए थे कि इस बार भी चौथा लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन यह नए रंग और रूप वाला होगा। नए रंग रूप का सीधा मतलब है कि जनजीवन को कैसे पटरी पर लाया जाए और आर्थिक गतिविधियां कैसे तेज की जाए इसी पर विशेष जोर होगा। कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर चौथे लॉकडाउन में क्या की जाए, क्या न किया जाए। बता दें कि देश में कोरोना वायरस थमने की कोई कमी नहीं आई है बल्कि रफ्तार और भी ज्यादा बढ़ गई है।

इसके बावजूद भी राज्य सरकारें और केंद्र चाहता है कि इस बार चौथे लॉकडाउन में और अधिक छूट दी जाए। केंद्र सरकार ने देश वासियों लिए कोरोना वायरस को लेकर तमाम गाइडलाइन जारी कर दी है अब आपको उसी नियम के अनुसार घरों और सड़कों पर निकलना होगा यानी और अधिक सचेत रहना होगा। अब केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें, प्रशासन हो अब आपको कोरोना वायरस से बचने के लिए ज्यादा उपाय बताने नहीं आएंगे, इससे बचाव स्वयं ही आपको करना होगा। तभी पीएम मोदी ने कहा था कि मुझे पूरा भरोसा है कि नियमों का पालन करते हुए हम कोरोना वायरस से लड़ेंगे भी और आगे भी बढ़ेंगे। यह चौथा लॉकडाउन 18 मई से शुरू होगा और संभवतः 30 या 31 मई तक लागू हो सकता है।

इस बार राज्यों को दिए जा सकते हैं ज्यादा अधिकार

राष्ट्र के नाम संबोधन से एक दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी। इस बैठक में राज्यों को कोरोना लॉकडाउन को लेकर सुझाव देने को कहा गया था। कई राज्यों ने बैठक के दौरान ही लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया तो कई ने हटाने अथवा काफी छूट देने की बातें कहीं। इतना ही नहीं, राज्यों की ओर से पीएम मोदी के सामने लॉकडाउन में ढील, आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने और अलग-अलग जोनों के बंटवारे संबंधी फैसले राज्य सरकारों पर छोड़ने जैसे प्रस्ताव रखे गए।

लॉकडाउन के अब तक के चरणों पर गौर करें तो हमने पाया है कि क्रमबद्ध तरीके से सरकार ने छूट का दायरा बढ़ाया है ताकि जान और जहान दोनों चल सके। यही वजह है कि पिछले तीनों चरणों में मिली रियायतों को देखते हुए ऐसी संभावना जताई जा रही है कि लॉकडाउन-4 में सिर्फ रेड जोन, कंटेनमेंट जोन में ही सख्ती देखने को मिल सकती है। पंजाब, बंगाल, महाराष्ट्र, असम और तेलंगाना लॉकडाउन को जारी रखना चाहते हैं। कोई भी राज्य लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना चाहते हैं। दूसरी ओर बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत कई राज्य कम से कम मई अंत तक इन सेवाओं को पूरी तरह चालू करने के पक्ष में नहीं हैं।

कई दफ्तरों और दुकानों को खोलने की दी जा सकती है इजाजत

लॉकडाउन-3 की तरह ही दफ्तरों को सीमित स्टाफ के साथ खोला जा सकता है, मगर अगले चरण में इसका दायरा और भी ज्यादा बढ़ सकता है। 25 मार्च के बाद से बंद पड़ी ट्रेनों को लॉकडाउन तीन के आखिरी चरण में खोल दिया गया है, उम्मीद की जा रही है कि अगले चरण में रेल सेवा में और भी रियायतें दी जा सकती हैं और ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। ठीक इसी तरह घरेलू विमानों का परिचालन भी शुरू किया जा सकता है।

यही नहीं कंटेनमेंट एरिया के अलावा सभी जगहों पर लोकल ट्रेन, बस और मेट्रो सेवाएं भी सीमित क्षमता के साथ शुरू की जा सकती हैं। सीमित सवारियों के साथ ऑटो और टैक्सी के संचालन को भी अनुमति दी जा सकती है। हालांकि इन पर अंतिम फैसला राज्यों का रहेगा। ऑरेंज और रेड जोन में बाजारों को खोलने का फैसला भी राज्य सरकारें लेंगी।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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