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Locusts create problem for administration by changing its behavior in sirohi city - Sabguru News
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सिरोही में टिड्डियों ने दिखाया वो व्यवहार जिसने बिगाड़ दी व्यवस्था

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सिरोही में टिड्डियों ने दिखाया वो व्यवहार जिसने बिगाड़ दी व्यवस्था
सिरोही में ऊंचे पेड़ों पर बैठे टीड्डी दल।
सिरोही में ऊंचे पेड़ों पर बैठे टीड्डी दल।
सिरोही में ऊंचे पेड़ों पर बैठे टीड्डी दल।

सबगुरु न्यूज-सिरोही। एफएओ ने भारत और पाकिस्तान को मई के बाद नवम्बर और दिसम्बर में भी बड़े टिड्डी दल के हमले की सूचना दे दी थी। पाकिस्तान ने पहले ही टिड्डियों का मारने असमर्थता जता दी थी।

ऐसे में भारत के गुजरात और राजस्थान में टिड्डिया के बड़े स्वार्म पहुंचे। यह बस कुछ जानने के बाद भी भारत सरकार ने आवश्यक उपकरण एलडब्लयूओ को उपलब्ध नहीं करवाए। यदि यह उपकरण होते तो रविवार को सिरोही में टिड्डी दलों पर पेस्टीसाइड छिडक़ते समय तेजाराम भील अचेत नहीं होता।
-ऊंचे पेड़ों पर डाल लिया था डेरा
अपने स्वभाव के विपरीत शनिवार को सिरोही जिला मुख्यालय पर पहुंचे टिड्डी दल ने आम व्यवहार से अलग व्यवहार किया। खेतों और झाडिय़ों की बजाय ऊंचे-ऊंचे पेड़ों पर बैठ गईं। स्थिति यह थी कि बाहरी घाटे से कलक्टरी तक के अधिकांश पेड़ हरे की बजाय भूरे हो गए थे।

युएलवी के नहीं होने से क्रेन से लटक कर पेड़ पर पेस्टीसाइड डालता युवक
युएलवी के नहीं होने से क्रेन से लटक कर पेड़ पर पेस्टीसाइड डालता युवक

सामान्य स्प्रेयर से फसलों और झाडिय़ों पर बैठे टिड्डी दल को मारा जा सकता है, लेकिन पंद्रह से बीस मीटर से भी ज्यादा ऊंचे पेड़ों पर बैठे टिड्डी दल को मारने के लिए अल्ट्रा लो वॉल्यूम (यूएलवी) स्प्रेयर चाहिए होता है। यह स्प्रेयर नहीं होने के कारण क्रेन मंगवाकर उस पर एक आदमी को टांग कर ऊंचे पेड़ों पर पेस्टीसाइड छिडक़ा। इस तरह से पेस्टी साइड छिडक़ने से छिडक़ाव करने वाले व्यक्ति पर पेस्टीसाइड का प्रभाव होने की संभावना बढ़ जाती है।

सिरोही जिला मुख्यालय में टीडडी दल के हमले की स्थिति का जायजा लेते कलक्टर।
सिरोही जिला मुख्यालय में टीडडी दल के हमले की स्थिति का जायजा लेते कलक्टर।

तेजाराम भी ऊंचे पेड़ों पर बैठे टिड्डियों को मारने के लिए पेस्टी साइड का छिडक़ाव कर रहा था। लेकिन, हवा के प्रवाह के कारण पेस्टीसाइड के प्रभाव में आ गया, उसे तुरंत ट्रोमा सेंटर में भेजा गया। जालोर एलडब्ल्यूओ से आए एक्सपर्ट ने बताया कि सिरोही में टिड्डियों ने व्यवहार बदला। आमतौर पर यह नीचे ही बैठती हैं, लेकिन यहां पर ऊंचे पेड़ों पर बैठ गईं।

वहां मारने के लिए यूएलवी स्प्रेयर चाहिए होता है, जो उपलब्ध नहीं है। इस दौरान जिला कलक्टर सुरेन्द्र कुमार, उपखण्ड अधिकारी हंसमुख कुमार, आत्मा के अधिकारी डॉ प्रकाश गुप्ता समेत कृषि विभाग व अन्य विभागों के कार्मिक मौजूद थे।
-दंग रह जाएंगे यह जानकार
एलडब्ल्यूए के अनुसार अगर टिड्डियों का स्वार्म यदि एक वर्ग किलोमीटर का है तो इसमें साठ से सत्तर लाख टिड्डियां हो सकती हैं। इस हिसाब से अनुमान लगा सकते हैं कि जितने वर्ग किलोमीटर में टिड्डी दल फैला है उतने ही गुणा टिड्डे हैं।