सबगुरु न्यूज – सिरोही । आदर्श विद्या मंदिर स्वरूपगंज के प्रकरण में सांसद देवजी पटेल की प्रेस वार्ता के बाद उनके द्वारा संयम लोढ़ा पर लगाए गए आरोपों का आज सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सांसद देवजी पटेल सरूपगंज में बेवा देवी बाई को बेदखल करने की कार्रवाई करने वालों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों में अपराधी बनना सिखाओगे।
लोढा ने कहा की आदेश विद्या मंदिर सरूपगंज की भूमि एवं मान्यता के सम्बन्ध में छगनलाल बी. खंडेलवाल सरूपगंज ने शिक्षा विभाग को शिकायत की थी कि स्कुल की भूमि आवंटन एवं मान्यता गलत रूप से ली गई है जिसकी जाँच करवाई जाये । इस पर राज्य सरकार ने सम्पूर्ण तथ्यो की जाँच करवाई तो पाया गया की बिन्दु संख्या 01 से 08 तक विद्यालय के मान-मानक की स्थितिया प्रतिकूल है।
शिक्षा विभाग में अपनी जाँच रिपोर्ट निदेशालय बीकानेर को भेजकर कहा कि शपथ पत्र के आधार पर दी गई मान्यता निरस्त योग्य है। सुरक्षा प्रमाण पत्र भी फर्जी है उसे रद्द कर दिया गया है. इसके बाद अन्य स्तरो पर भी जाँच करवाई गई उसमें भी मान्यता रद्द करने की अनुशंषा की गई है। समिति को शिक्षा विभाग ने सुनवाई का अवसर दिया और सुना गया। विद्यालय को आंवटित भूमि जिला कलेक्टर ने दि. 29-04-2022 को निरस्त कर भूमि एवं उस पर सनिर्मित संरचनाओ सहित बिना किसी मुआवजे के सरकार में लीन कर दी | राजस्व रिकॉर्ड में उक्त भूमि बिलानाम दर्ज कि जा चुकी है।
इस सम्बन्ध में जिला शिक्षा विभाग ने 16 मार्च 2023 को 4 सदस्य जाँच समिति गठीत कर उनसे पुरे प्रकरण की जाँच कर रिर्पोट देने का आदेश दिया गया है।
जाच कमेटी की रिपोर्ट आने के पहले ही उन पर किसी प्रकार की शंका करना व आक्षेप लगाना न्याय प्रणाली के विपरित कृत्य है। लोढा ने कहा कि उन्होने सरकार से यही अनुरोध किया है कि झूठे शपथ पत्र के आधार पर मान्यता देने फर्जी सुरक्षा प्रमाण पत्र व गलत तथ्यों पर भूमि आंवटन करने वालो के विरुद्ध कारवाई करे।
लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का दायित्व है कि गलत कार्यों को सरकार व जनता के सामने रख कर उसको बेनकाब करे। यह कार्य शिक्षा का तुष्टीकरण या शिक्षा की मानसिकता के विरुद बताना अपने आप में एक सवालिया निशान है।
उन्होने कहा कि सांसद ने 15 साल में शिक्षा को बढावा देने के नाम पर कोई कारवाई नहीं किया और वो उस व्यक्ति को शिक्षा विरोधी बता रहा है, जिसने चार साल में शिक्षा के लिए वो कार्य करवाए है जो 70 साल में नही हुए। सांसद शिक्षा के प्रति जागरुक होते तो 15 साल में सिरोही में केन्द्रीय विद्यालय खुलवा देते लेकिन अपनी असफलताओ पर पर्दा डालने के लिए वे बेतुके आरोप लगा रहे।